फीस के लिए आखिरी सांस तक न्याय की गुहार लगाता रहा उज्ज्वल...मौत से पहले वीडियो में बताई पूरी कहानी!



मुजफ्फरनगर | मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना स्थित डीएवी डिग्री कॉलेज में फीस के लिए कथित रूप से प्रताड़ित किए जाने के बाद आत्मदाह करने वाले बीए द्वितीय वर्ष के छात्र उज्ज्वल राणा (20) की रविवार देर रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। उज्ज्वल ने मौत से पहले कई वीडियो जारी कर अपने साथ हुए उत्पीड़न और पुलिस की लापरवाही का पूरा घटनाक्रम बताया था।
कॉलेज में आत्मदाह से मचा हड़कंप
मूल रूप से बागपत जिले के भड़ल गांव निवासी उज्ज्वल राणा अपने परिवार के साथ बुढ़ाना के मोहल्ला खाकरोबान में रह रहा था। उसने 7 नवंबर को कॉलेज परिसर में ही खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली, जब उसे कथित तौर पर कॉलेज प्रशासन द्वारा फीस को लेकर अपमानित किया गया। साथी छात्रों ने किसी तरह आग बुझाई और उसे गंभीर अवस्था में स्थानीय सीएचसी से मेरठ होते हुए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
वीडियो में उज्ज्वल की ‘आखिरी कहानी’
आत्मदाह से पहले और बाद में उज्ज्वल द्वारा बनाए गए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। इन वीडियो में उज्ज्वल कहता है —“प्राचार्य प्रदीप कुमार ने मेरे बाल खींचे, गालियाँ दीं और मारा। मैंने फीस भरने के लिए थोड़ा वक्त माँगा था। जब शिकायत की तो पुलिस ने भी मुझे धमकाया। मुझे तोड़ दिया गया, लेकिन डरूंगा नहीं। अगर मैं मरता हूँ तो इसका जिम्मेदार प्राचार्य और पुलिस होगी।” अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान भी उज्ज्वल ने वीडियो में कहा कि वह गरीब छात्रों की मदद कर रहा था, लेकिन उसे अपमानित कर प्रताड़ित किया गया।
मुकदमा दर्ज, पुलिसकर्मी लाइन हाजिर
उज्ज्वल की बहन सलोनी राणा की तहरीर पर पुलिस ने कॉलेज प्रबंधक अरविंद कुमार गर्ग, प्राचार्य प्रदीप कुमार, पीटीआई संजीव कुमार, दरोगा नंद किशोर सिपाही ज्ञानवीर, सिपाही विनीत कुमार खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
तीनों पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है। मामले की जांच के आदेश कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार ने दिए हैं, जिन्होंने डीएम उमेश मिश्रा और एसएसपी संजय वर्मा को निष्पक्ष जांच करने के निर्देश दिए।
हंगामा और विरोध प्रदर्शन
उज्ज्वल की मौत की खबर मिलते ही द जाट महासभा के अध्यक्ष धर्मवीर बालियान और भाकियू पदाधिकारियों ने कॉलेज के बाहर प्रदर्शन किया। लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही और कॉलेज प्रबंधन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
विभिन्न सामाजिक संगठनों ने उज्ज्वल को न्याय दिलाने की मांग करते हुए दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की।
न्याय की मांग और सवाल
इस घटना ने शिक्षा संस्थानों की संवेदनहीनता और पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या फीस न भर पाने पर किसी छात्र को अपमानित करना इतना बड़ा अपराध माना जाना चाहिए कि वह अपनी जान दे दे? क्या गरीब छात्रों के लिए हमारी शिक्षा व्यवस्था में कोई जगह बची है?

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