अफजाल अंसारी की जाएगी सांसदी या रहेगी? इलाहाबाद हाई कोर्ट आज सुनाएगा फैसला!


लखनऊ। प्रदेश के गाजीपुर से समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अफजाल अंसारी की क्रिमिनल अपील पर इलाहाबाद हाईकोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा। जिसके बाद सपा नेता के सियासी भविष्य का फैसला होगा। इस फैसले से पहले अफजाल अंसारी का एक ऑडियो वायरल हुआ है, जिसमें वे अपने समाज के लोगों से दुआ करने की बात कह रहे हैं। ऑडियो 1 से 2 दिन पुरानी बताई जा रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच फैसला सुनाएगी।

हाई कोर्ट ने मामले में 4 जुलाई को सुनवाई पूरी कर ली थी और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। गाजीपुर की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने अफजाल अंसारी को चार साल की सजा सुनाई है। उन्हें 29 अप्रैल 2023 को गैंगस्टर मामले में दोषी करार देते हुए 4 साल की सजा सुनाई गई थी और एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। सजा होने के बाद अंसारी ने अपनी सांसद सदस्यता गंवा दी थी। उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ जाकर सपा नेता ने हाई कोर्ट में आपराधिक अपील दायर की थी। 24 जुलाई 2023 को हाई कोर्ट ने पांच बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके अंसारी को जमानत दे दी थी, लेकिन मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अंसारी को जेल से रिहा कर दिया गया था, लेकिन उनकी संसद सदस्यता बहाल नहीं हुई। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी, जिसके चलते उनकी संसद की सदस्यता बहाल हो गई थी और वे लोकसभा चुनाव लड़ने के भी पात्र हो गए थे। साथ ही साथ शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट को निर्देश दिया था कि वह सुनवाई में तेजी लाए। वहीं, इस मामले में बीजेपी के दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने क्रिमिनल रिवीजन और यूपी सरकार ने भी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की हुई है। दोनों अपीलों में अफजाल अंसारी को मिली चार साल की सजा को बढ़ाकर 10 साल किए जाने की मांग की गई है।

अगर इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखता है, तो सपा सांसद की संसद सदस्यता खत्म हो जाएगी। अंसारी ने गाजीपुर से चुनाव लड़ा है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, किसी भी सांसद या विधायक को दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर उसकी सदस्य खत्म हो जाती है और उसे अयोग्य घोषित करार दिया जाता है। साथ ही साथ सजा काटने के बाद अगले छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकता है।

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