लखनऊ। माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष बनाने पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर हमला बोला है। मायावती ने कहा कि सपा के मुखिया पीडीए को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में संविधान बचाने की आड़ में पीडीए को गुमराह करके उनका वोट तो ले लिया, लेकिन यूपी विधानसभा में प्रतिपक्ष का नेता बनाने में जो इनकी उपेक्षा की गई, यह सोचने वाली बात है। बसपा चीफ ने आगे कहा कि सपा में एक जाति विशेष को छोड़कर बाकी पीडीए के लिए कोई जगह नहीं. ब्राह्मण समाज की तो कतई नहीं क्योंकि सपा और भाजपा सरकार में जो इनका उत्पीड़न व उपेक्षा हुई है वह किसी से छिपा नहीं है। वास्तव में इनका विकास एवं उत्थान केवल बसपा सरकार में ही हुआ है, इसलिए ये लोक सावधान रहें।
रविवार को अखिलेश ने माता प्रसाद को सपा विधायक दल का नेता बना कर सबको चौंका दिया। माता प्रसाद पांडेय पार्टी के पुराने नेता हैं। नेता प्रतिपक्ष बनने को लेकर चार नाम रेस में थे लेकिन अखिलेश ने सभी को दरकिनार करते हुए ब्राह्मण कार्ड खेल दिया। लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव का पीडीए फॉर्मूला जबरदस्त हिट रहा था। उन्होंने दलित और पिछड़ों को साथ कर शानदार जीत हासिल की थी। अखिलेश के पीडीए का मतलब पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक माना जाता है। इसी पीडीए फॉर्मूले के कारण सपा ने लोकसभा चुनाव में 37 सीटें जीत ली थीं। वहीं, अब अखिलेश की नजर पूर्वांचल में बीजेपी के वोट बैंक पर है। बीजेपी के वोट बैंक को साधने के लिए अखिलेश ने माता प्रसाद को नेता प्रतिपक्ष बनाया है।
माता प्रसाद पूर्वी यूपी में ब्राह्मण समाज से आते हैं। वह 7 बार के विधायक हैं। वर्तमान में वह सिद्धार्थनगर के इटवा सीट से MLA हैं। वह उत्तर प्रदेश विधानसभा के स्पीकर रह चुके हैं। उनकी गिनती एक कद्दावर नेता के रूप में होती है। माता प्रसाद को मुलायम सिंह का खास माना जाता है। मुलायम सरकार में वो दो बार मंत्री बने। उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाकर अखिलेश ने पूर्वांचल के ब्राह्मण को साधने का बड़ा दांव चला है।
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