बलिया वसूली कांड में नरही थाने का कोतवाल पन्नेलाल अरेस्ट, अब तक 19 गिरफ्तार!


लखनऊ। बलिया के नरही थाने में ADG-DIG की रेड के बाद से ही फरार चल रहे इंस्पेक्टर पन्नेलाल ने रविवार की रात गोरखपुर में सरेंडर कर दिया। एडीजी के आदेश पर इंस्पेक्टर के खिलाफ उसके ही थाने नरही में मुकदमा दर्ज किया था। उस समय एडीजी डीआईजी की टीम ने दो पुलिस कर्मियों व 16 दलालों को अरेस्ट किया था। अब इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में कुल 19 लोग अरेस्ट हो चुके हैं। डीआईजी वैभव कृष्ण के मुताबिक आज इंस्पेक्टर को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा जाएगा।

वहीं आवश्यकता हुई तो बाद में उसे पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर इस मामले में आगे की पूछताछ की जाएगी। इंस्पेक्टर पन्नेलाल को फिलहाल जांच टीम वसूली कांड का मुखिया मान रही है। हालांकि पुलिस के पास कुछ ऐसे भी इनपुट उपलब्ध हैं। जो यह बताने के लिए काफी हैं कि इंस्पेक्टर पन्नेलाल के सिर पर कई बड़े लोगों का हाथ था और इस वसूली से होने वाली कमाई में उन्हें भी अच्छी खासी हिस्सेदारी मिल रही थी। डीआईजी वैभव कृष्ण के मुताबिक दबिश के दौरान वसूली कांड का खुलासा होने के साथ ही इंस्पेक्टर पन्नेलाल को निलंबित कर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था।

चूंकि इंस्पेक्टर मौके से फरार हो गया था। इसलिए उसकी गिरफ्तारी के लिए आजमगढ़ एसओजी की टीम उसके घर गोरखपुर के गोला थाना क्षेत्र के भरसी गांव भेजी गई थी। अपनी घेराबंदी की खबर मिलते ही आरोपी इंस्पेक्टर ने एसओजी के सामने हाथ उठाकर सरेंडर कर दिया।बलिया पुलिस के मुताबिक इंस्पेक्टर पन्नेलाल की महकमे में काफी हनक रही है। वह दो साल से नरही थाने में तैनात था। इस दौरान कई सीओ और एसपी बदल गए। कई थानों के इंस्पेक्टर भी बदले गए, लेकिन किसी ने भी इंस्पेक्टर पन्नेलाल को छेड़ने की कोशिश नहीं की।

मूलरूप से गोरखपुर के गोला थाना क्षेत्र में भरसी गांव के रहने वाला इंस्पेक्टर पन्ने लाल साल 2012 बैच में दरोगा बना था और महज पांच साल की नौकरी के दौरान ही प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर बन गया। वह कई अन्य थानों में भी तैनात रहा, लेकिन अगस्त 2022 में उसे नरही थाने की थानेदारी मिली थी। तब से निलंबन होने तक वह इसी थाने में तैनात रहा। डीआईजी वैभव कृष्ण के मुताबिक नरही थाने में वसूली का खेल काफी समय से चल रहा था। इसकी सूचना उन्हें और डीआईजी वाराणसी जोन को मिली थी। इसके बाद गोपनीय तरीके से नरही थाने पर दबिश की कार्रवाई हुई। इसमें सूचना सही पाए जाने के बाद मौके से दो पुलिसकर्मियों को रंगे हाथ पकड़ा गया। वहीं इन पुलिसकर्मियों की सह पर ट्रक वालों से मारपीट कर वसूली करने वाले 16 दलालों को अरेस्ट किया गया था। इसी मामले में डीआईजी-एडीजी की संस्तुति पर राज्य सरकार ने बलिया के तत्कालीन एसपी डीआर वर्मा और सीओ को हटा दिया था।

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