जालौन। कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार राय की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में फंसी महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा को पुलिस ने रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच न्यायालय में पेश किया, जहाँ से उसे जेल भेज दिया गया। इससे पहले पुलिस ने उससे पाँच घंटे तक पूछताछ की, लेकिन कई महत्वपूर्ण सवालों पर वह चुप्पी साधे रही। मीनाक्षी का कहना केवल इतना था कि जब वह सरकारी आवास में पहुँची तो थाना प्रभारी घायल अवस्था में पड़े थे, जिसके बाद वह घबराकर चिल्लाते हुए बाहर निकली।
घटना शुक्रवार देर रात की है। कुठौंद थाने के सरकारी आवास में थाना प्रभारी अरुण राय का शव मच्छरदानी के अंदर खून से लथपथ मिला था। उनकी सरकारी पिस्टल उनके सीने पर ही पड़ी थी।घटना के कुछ ही मिनट बाद थाने में तैनात मीनाक्षी शर्मा आवास से चीखती हुई बाहर निकली और पुलिसकर्मियों को घटना की जानकारी देकर मौके से भाग गई। उसके भागने की फुटेज थाने के सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई।
घटना की सूचना पर मौके पर पहुँची प्रभारी की पत्नी माया राय ने महिला सिपाही पर हत्या का आरोप लगाया और एसपी को तहरीर दी। शिकायत के आधार पर मीनाक्षी के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई। हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने उससे कई कोणों से पूछताछ की, लेकिन वह पूछताछ में सहयोग नहीं कर रही थी। एकमात्र उत्तर यही रहा कि वह कमरे में पहुँची तो प्रभारी लहूलुहान पड़े हुए थे।
सूत्रों के अनुसार, मीनाक्षी पिछले एक सप्ताह से कुंठौंद थाना प्रभारी के सरकारी आवास पर रह रही थी। शुक्रवार रात दोनों के बीच विवाद हुआ था, जिसके बाद पूरी घटना घटी। पुलिस इस बात की भी जाँच कर रही है कि सीसीटीवी में मीनाक्षी का आवास से भागना तो रिकॉर्ड है, लेकिन वह आवास में कब और कैसे पहुँची—इसका फुटेज अभी तक नहीं मिला।
रविवार को अदालत में पेशी के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। प्रभारी की पत्नी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निष्पक्ष जाँच की माँग की है। मामले की जाँच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने मीनाक्षी शर्मा के मोबाइल की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और चैट हिस्ट्री खंगाली है। सूत्रों के अनुसार, कॉल लॉग में दर्ज बातचीत ने कई पुलिस कर्मियों को चौंका दिया है। यह सामने आया है कि मीनाक्षी कई पुलिस अधिकारियों से नियमित संपर्क में थी और कुछ बातचीत ऐसी परिस्थितियों में हुई है जिसने पूरे मामले को नया मोड़ दे दिया है। हालांकि पुलिस अधिकारी इस विषय पर आधिकारिक रूप से कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
थाना प्रभारी की संदिग्ध मौत, महिला सिपाही की मौजूदगी, भागने की फुटेज और कॉल रिकॉर्ड से मिले संकेतों ने पूरे मामले को कई परतों वाला बना दिया है। पुलिस जल्द ही जाँच को गहराई देने के लिए SIT (विशेष जांच टीम) गठित कर सकती है

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