आजमगढ़। जिले के पवई थाना क्षेत्र में शुक्रवार देर रात पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। तीन दिन पहले हुई एक सनसनीखेज हत्या के वांछित तीनों आरोपी पुलिस की घेराबंदी में फंस गए, जिसमें एक आरोपी गोली लगने से घायल हो गया और दो अन्य मौके पर ही गिरफ्तार कर लिए गए। पुलिस ने घटना स्थल से अवैध हथियार, कारतूस, हत्या में प्रयुक्त डंडे और काली पल्सर मोटरसाइकिल बरामद की है।
थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार मिश्र के नेतृत्व में पुलिस टीम रात में गश्त पर थी, तभी मुखबिर ने सूचना दी कि 13 नवंबर को ग्राम ओरिलदृकेवटाना में नरेन्द्र बिंद की हत्या करने वाले तीनों आरोपी एक काली पल्सर पर सुम्हाडीह मार्ग की तरफ बढ़ रहे हैं। सूचना की गंभीरता को देखते हुए टीम ने तुरंत रसूलाबाद मोड़ पर घेराबंदी कर दी। कुछ ही देर बाद अंधेरे को चीरती हेडलाइट के साथ एक काली पल्सर बाइक तेज़ रफ़्तार में आती दिखाई दी। बाइक पर सवार तीनों युवक संदिग्ध नजर आए। पुलिस ने उन्हें रुकने का संकेत दिया, लेकिन उन्होंने भागने की कोशिश की और बाइक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे फिसल गई।
बाइक गिरते ही एक युवक ने कमर से तमंचा निकालकर पुलिस पर फायर कर दिया। पुलिस ने तत्काल मोर्चा संभालते हुए आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की। इसी दौरान एक गोली आरोपी के दाहिने पैर में घुटने के नीचे लगी और वह वहीं घायल होकर गिर पड़ा। बाकी दो आरोपी पुलिस के शिकंजे में आ गए। घायल आरोपी को मौके पर प्राथमिक उपचार के बाद सीएचसी पवई भेजा गया, जहां उसकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
घायल आरोपी नीरज पुत्र कमलेश उर्फ बैल, निवासी ओरिलदृकेवटाना, उम्र लगभग 22 वर्ष व गिरफ्तार आरोपी शिवशंकर उर्फ शंकर, पुत्र रामआशीष उर्फ नग्गू, निवासी पिलकिच्छा, थाना खुटहन, जौनपुर, उम्र 21 वर्ष व सूरज उर्फ मंटू, पुत्र रामटहल, निवासी ओरिलदृकेवटाना, पवई, उम्र 19 वर्ष ये तीनों मुकदमा अपराध संख्या 310/25, धारा 103(1)/3(5) बीएनएस में वांछित थे। पूछताछ में आरोपियों ने पूरी कहानी उगल दी। उनके अनुसार मृतक नरेन्द्र बिंद से पुरानी रंजिश चल रही थी। इसी दुश्मनी के चलते 13 नवंबर की भोर 4.30 बजे, नीरज ने अपने दोनों साथियों शंकर और सूरज को बुलाया। तीनों ने खेतों के पास चकरोड पर नरेन्द्र को अकेला पाकर रोक लिया और डंडों से बुरी तरह पीटकर मौत के घाट उतार दिया।
हत्या के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए थे। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त डंडे (आला-कत्ल), अवैध तमंचा, जिंदा व खोखा कारतूस, काली पल्सर मोटरसाइकिल बरामद कर लिए हैं। थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार मिश्र ने बताया कि यदि समय रहते कार्रवाई न होती, तो आरोपी भाग सकते थे या कोई बड़ी वारदात कर सकते थे। उन्होंने कहा कि तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी से हत्या की गुत्थी सुलझ गई है और आगे की कानूनी कार्रवाई तेज़ी से जारी है।

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