आजमगढ़: क्लीनिक में घुसकर चिकित्सक पर जानलेवा हमला, दो लाख की रंगदारी मांगी!


आजमगढ। जनपद के अहरौला थाना क्षेत्र के माहुल नगर पंचायत में शनिवार दोपहर उस वक्त सनसनी फैल गई जब पुलिस चौकी से महज 400 मीटर की दूरी पर बाइक सवार दो बदमाशों ने एक निजी चिकित्सक की क्लीनिक में घुसकर उन पर असलहा तान दिया और दो लाख रुपये की रंगदारी की मांग की। समसल्लीपुर निवासी डॉ. वीरेंद्र प्रजापति की माहुल बाजार स्थित क्लीनिक पर दो बाइक सवार बदमाश पहुंचे। आरोप है कि उन्होंने डॉक्टर की कनपटी पर पिस्टल सटाकर दो लाख रुपये की रंगदारी मांगी। इंकार करने पर बदमाशों ने डॉक्टर के सिर पर पिस्टल की बट से हमला कर दिया, जिससे वे घायल हो गए। चिकित्सक ने हिम्मत दिखाते हुए हमलावरों का मुकाबला किया। दोनों के बीच क्लीनिक में झड़प हुई जो सड़क तक पहुंच गई। संघर्ष के दौरान दोनों कीचड़ में गिर पड़े, इसी बीच बदमाश का गमछा और कथित असलहा डॉक्टर के हाथ लग गया। मौके का फायदा उठाकर दोनों आरोपी भाग निकले।
चौकी के पास घटना, पुलिस पर उठे सवाल
यह वारदात माहुल पुलिस चौकी से सिर्फ 400 मीटर की दूरी पर हुई, जिससे स्थानीय पुलिस की सक्रियता पर सवाल खड़े हो गए हैं। पीड़ित डॉक्टर का आरोप है कि घटना की सूचना पर पहुंचे चौकी इंचार्ज सुधीर सिंह तमाशबीन बने रहे और कोई कार्रवाई नहीं की। डायल 112 की टीम ने डॉक्टर को थाने जाने की सलाह दी, लेकिन चौकी इंचार्ज ने खुद साथ चलने के बजाय डॉक्टर को अकेले ही कथित असलहा लेकर थाने भेज दिया।थाने पहुंचने पर डॉक्टर की तहरीर लेने से भी पुलिस ने इनकार कर दिया। इसके बाद डॉक्टर ने पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ डॉ. अनिल कुमार से फोन पर शिकायत की और व्हाट्सऐप के माध्यम से तहरीर भेजी।
करीब दो घंटे बाद थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार मौके पर पहुंचे और तहरीर लेकर जांच शुरू की। थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार ने बताया कि डॉक्टर के पास से मिला तथाकथित असलहा वास्तव में एक लाइटर निकला है।उन्होंने कहा कि “घटना की सभी पहलुओं से जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।” इस घटना के बाद क्षेत्र में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों ने चौकी इंचार्ज की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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