आजमगढ़। अब आजमगढ़ शहर में घंटों लगने वाले जाम से लोगों को जल्द ही राहत मिलने वाली है। जिले में करीब 15 किलोमीटर लंबा रिंग रोड बनाया जा रहा है, जो शहर के एक छोर से दूसरे छोर को जोड़ेगा। इस रिंग रोड के बनने के बाद बड़े वाहनों को शहर में प्रवेश करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। वे सीधे रिंग रोड के जरिए अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।
यह रिंग रोड कुल 23 गांवों से होकर गुजरेगा और शहर में यातायात दबाव को कम करेगा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस परियोजना के तहत लगभग 94.59 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।
रिंग रोड की योजना
रिंग रोड की शुरुआत वाराणसी–लुंबिनी नेशनल हाइवे (NH-233) पर सेमरहा (रानी की सराय) गांव के पास किलोमीटर संख्या 218 से होगी। यह मार्ग बैठोली बाईपास से गुजरते हुए प्रयागराज–दोहरीघाट–गोरखपुर मार्ग पर बम्हौर के पास पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (किमी संख्या 184) से जुड़ेगा।
शासन ने इस परियोजना को मई 2025 में मंजूरी दी थी। इसके बाद एनएचएआई ने ज्वाइंट मैनेजमेंट सर्वे पूरा कर लिया है और किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
इन गांवों से गुजरेगा रिंग रोड
रिंग रोड जिन 23 गांवों से होकर गुजरेगा उनमें बिहरोजपुर, छीत्तमपुर, बैठोली, गौरडीहा आयमा, गौरड़िया खालसा, बलेनाडी, चकदुबे, शाहगढ़, दौलतपुर, सरदापुर चक, खैरपुर जगजीवन, मोलनापुर माफी, ऊंचागांव, तमोली, जीरकपुर, अबू सैदपुर, सरायसदी, बदरुद्दीनपुर, नीबी खुर्द, मोहब्बतपुर, महालिय और बम्हौर शामिल हैं।
क्या होंगे फायदे
इस रिंग रोड के निर्माण से शहर पूरी तरह जाम फ्री हो जाएगा। लखनऊ, बसखारी, अतरौलिया की दिशा से आने वाले वाहनों को अब शहर के बीच से गुजरने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह सड़क बनारस, जौनपुर, प्रयागराज, मऊ और गाजीपुर की ओर जाने वाले मार्गों को भी और आसान बनाएगी। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस परियोजना से ट्रैफिक समस्या खत्म होगी, ईंधन की बचत होगी और शहर के आस-पास के गांवों में विकास की नई संभावनाएँ पैदा होंगी।

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