अखिलेश के लिए सिर दर्द बने 5 मुस्लिम नेता... अब यहां फंस गया सपा का पेंच!


लखनऊ। समाजवादी पार्टी के लिए अब उनके पांच बड़े मुस्लिम नेता सिर दर्द बन गए हैं। रामपुर और मुरादाबाद सीट पर नामांकन खत्म होने के बाद हर नेता अपना अलग सुर अलापते हुए नजर आ रहा है। ऐसे में अखिलेश यादव के लिए मुस्लिम नेता ही पार्टी के सबसे बड़े सिर दर्द साबित हो रहे हैं। दरअसल, नामांकन खत्म होने के बाद भी सपा में रामपुर और मुरादाबाद में उम्मीदवारों का पेंच सुलझा हुआ नजर नहीं आता है। इस मुद्दे पर कई मुस्लिम नेता नाराज हैं तो कई दावेदारी ठोक चुके हैं।

बीते दिनों सांसद एसटी हसन ने बतौर सपा प्रत्याशी नामांकन किया था। लेकिन बुधवार को उनका पत्ता कट गया, सपा के प्रत्याशी के तौर पर आजम खान की करीबी रुचि वीरा ने नामांकन कर दिया। रुचि वीरा के नामांकन करने के बाद पार्टी में बगावत के सुर और तेज हो गए। राज्यसभा सांसद और प्रो. रामगोपाल यादव के करीबी मानें जाने वाले जावेद अली ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा, 'नवाबों के दौर में भी मुरादाबाद कभी रामपुर के आधीन नहीं रहा, अब है।

वहीं रामपुर सीट पर भी आजम खान का गुट नाराज बताया जा रहा है। बीते दो उपचुनाव में हार का सामना कर चुके आजम खान के करीबी आसिम रजा ने नामांकन कर दिया है। जबकि पहले उन्होंने चुनाव का बहिष्कार करने का एलान किया था। इसके अलावा आजम खान भी सपा के फैसले से नाराज बताए जा रहे हैं। सपा ने इस सीट पर मौलाना हिबउल्लाह नदवी को अपना उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन भी बुधवार को कर दिया। लेकिन सूत्रों की मानें तो आजम खान का गुट उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने के पक्ष में नहीं था। बता दें कि आजम खान से अखिलेश यादव ने बीते दिनों सीतापुर जेल में मुलाकात की थी। तब सपा नेता ने अखिलेश यादव से रामपुर सीट से चुनाव लड़ने की अपील की थी। लेकिन अब इस सीट पर सपा ने मौलाना हिबउल्लाह नदवी को प्रत्याशी बना दिया है।

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