वाराणसी। भाई-बहन के रिश्ते को अटूट और मधुर बनाने का पर्व रक्षाबंधन बुधवार को रात नौ बजे से अगले दिन सुबह 7.45 बजे मनाया जाएगा। रक्षाबंधन पर भाई की राशि के अनुसार राखी के रंगों का चयन करें। राशि के अनुसार रंगों वाली राखी बांधना मंगलकारी होता है। भाइयों के जीवन में खुशियां आती हैं। ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि राखी के रंगों का चयन राशि के अनुसार करना चाहिए। इसी के अनुकूल कपड़े भी पहनना चाहिए।
राशियां रंग
मेष लाल, गुलाबी व नारंगी
बृषभ सफेद व क्रीम
मिथुन हरा व फिरोजी
कर्क सफेद व क्रीम
सिंह केसरिया, लाल व गुलाबी
कन्या हरा व फिरोजी
तुला सफेद व हल्का नीला
वृश्चिक नारंगी, लाल व गुलाबी
धनु पीला व सुनहरा
मकर व कुंभ - भूरा, स्लेटी व ग्रे
मीन पीला व सुनहरा
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार 30 अगस्त को पूर्णिमा की तिथि सुबह 10.12 बजे से 31 अगस्त को सुबह 7.45 बजे तक रहेगी। पूर्णिमा के साथ भद्रा लगने से रात को 8.58 बजे के बाद 31 को सुबह 7.45 बजे तक पूर्णिमा तिथि की समाप्ति तक रक्षाबंधन मनाया जाएगा। वो इसलिए कि रक्षाबंधन में उदयातिथि का मान नहीं लिया जाता। इसलिए 31 अगस्त को पूरा दिन रक्षाबंधन नहीं मनाया जा सकता है।
भविष्यपुराण के अनुसार विधि-विधान के साथ रक्षासूत्र धारण करने से व्यक्ति के समस्त रोग दूर हो जाते हैं। उसे जीवनभर आरोग्य का सुख मिलता है। जाने-अनजाने में अशुभ कार्य होते हैं तो वे सभी नष्ट हो जाते हैं। इतिहास में कृष्ण और द्रौपदी की कहानी भी प्रसिद्ध है। युद्ध के दौरान श्रीकृष्ण की अंगुली घायल हो गई थी। द्रौपदी ने अपनी साड़ी में से एक टुकड़ा बांध दिया था। इसके बदले उपकार के रूप में श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को किसी भी संकट में द्रौपदी की सहायता करने का वचन दिया था। स्कंद पुराण, पद्मपुराण और श्रीमद्भागवत में वामनावतार नामक कथा में भी रक्षाबंधन का प्रसंग मिलता है।
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