बसपा को नहीं मिले सभी सीटों पर प्रत्याशी...

नाराज मायावती ने मुख्य जोन इंचार्ज को...


लखनऊ।
नगर निकाय चुनाव में बहुजन समाज पार्टी की स्थिति छोटे राजनीतिक दलों जैसी हो गई है। इस बार पार्टी को सभी वार्डों में प्रत्याशी नहीं मिले। ऐसे में खफा हुई बसपा सुप्रीमो मायावती ने कई पदाधिकारियों को इधर से उधर किया गया है। कानपुर में पार्टी ने कुल 110 वार्डों में से सिर्फ 70 वार्डों में ही पार्षद प्रत्याशी उतारे जाने का दावा किया है। पिछले निकाय चुनाव में यह संख्या 88 थी। इसके अलावा मंडल के कई जिलों में भी पंचायत, पालिकाओं की सीटों पर पार्टी को प्रत्याशी काफी खोजबीन के बावजूद नहीं मिले। पता चला है कि इसे देखते हुए पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती काफी खफा हैं। उन्होंने कानपुर जोन के मुख्य जोन इंचार्ज मुनकाद अली को इसी वजह से पद से हटा दिया है।

इसके अलावा यहां से नौशाद अली को मुरादाबाद मंडल प्रभारी बनाकर भेजा गया है। वहां से मुरादाबाद का प्रभार देख रहे सतपाल पेपला को मेरठ मंडल पर लगाया गया है। कानपुर में पिछले नगर निकाय चुनाव में बसपा की स्थिति इस बार से बेहतर थी। मेयर के लिए भी उस समय कई नाम आए थे, जिसमें अर्चना निषाद को टिकट दिया गया था। वह चौथे नंबर पर रहीं थीं। इस बार मेयर पद के लिए पार्टी ने फिर से अर्चना निषाद को ही मैदान में उतारा है। इसकी वजह यह बताई जा रही है कि बसपा से मेयर पद के प्रत्याशी के रूप में कोई दूसरा नाम काफी कोशिश के बावजूद पार्टी को नहीं मिला।

इसी तरह बिल्हौर में नगर पालिका से पार्टी ने पहले कहा था कि वहां पर बाले गुप्ता को प्रत्याशी बनाया गया है लेकिन ऐन वक्त पर उनका भी नामांकन नहीं हो पाया। ऐसा माना जा रहा है कि जो बातचीत प्रत्याशी बनाने के लिए पार्टी पदाधिकारियों की ओर से की गई थी, उस पर दावेदार खरा नहीं उतर पाया। इस बीच यह भी पता चला है कि पार्टी राष्ट्रीय प्रमुख के गुस्से का शिकार अभी मंडल और जिलों के पदाधिकारी भी हो सकते हैं। इसके लिए निकाय चुनाव खत्म होने का इंतजार किया जा रहा है। पार्टी के जिलाध्यक्ष रामेश्वर चौधरी बबलू ने बताया कि बिल्हौर प्रत्याशी का नामांकन किसी वजह से नहीं हो पाया है।

कानपुर में बसपा के नए मुख्य जोन इंचार्ज शम्सुद्दीन राइन अब मुनकाद अली की जगह निकाय चुनाव का नेतृत्व करेंगे। पार्टी जिलाध्यक्ष रामेश्वर चौधरी बबलू ने बताया कि एक दो दिन में वह यहां आकर पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। शम्सुद्दीन राइन इससे पहले भी कानपुर मंडल के मुख्य जोन इंचार्ज रह चुके हैं। पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती की ओर से चुनाव के बीच पदाधिकारी बदले जाने के पीछे कहा जा रहा है कि निकाय चुनाव के तुरंत बाद लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो जाएंगी। ऐसे में लोकसभा के लिए पार्टी को मजबूत प्रत्याशी की तलाश अभी से शुरू करनी होगी। यही वजह है कि पार्टी प्रमुख लोकसभा में निकाय चुनाव जैसी स्थिति नहीं चाहती हैं।

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