बड़े अरमानों से दुल्हन लाया था इंजीनियर, अचानक हुआ कुछ ऐसा, शादी के अगले दिन ही उठानी पड़ी अर्थी


मेरठ।
जिले के जागृति विहार में गीजर की गैस से हुए हादसे में शादी के 24 घंटे में ही दुल्हन वैशाली की मौत से सात जन्मों का रिश्ता खत्म हो गया। वैशाली के ससुराल और मायके वालों में मातम छाया हुआ है। इंजीनियर पति पारस सदमे में है। रविवार को यहां पहुंचे कुछ लोगों ने कहा कि पारस बैंडबाजे के साथ बड़े अरमानों से दुल्हन लाया था, लेकिन अब उसे कंधे पर अर्थी लेकर श्मशान जाना पड़ा। रविवार को भी परिचित और रिश्तेदार दोनों परिवारों को संभालने का प्रयास करते रहे।

दरअसल, जागृति विहार में शनिवार को वैशाली बाथरूम में नहाने के लिए गई थी। गीजर की गैस में दम घुटने से उसकी मौत हो गई थी। मूल रूप से गाजियाबाद निवासी पारस एक प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर हैं। वह सुबह कंपनी चले गए थे। 26 जनवरी को ही इनका गाजियाबाद में विवाह हुआ और 27 जनवरी को डोली उठी। इसके अगले ही दिन 28 जनवरी को हादसे में वैशाली की मौत हो गई। वहीं, शनिवार को भजन संध्या होनी थी, इसके साथ ही परिजनों ने अभी शादी का सामान भी नहीं खोला है और मायके वालों ने गला भी देखा। कोई निशान नहीं पाया गया। 

पति बार-बार एल्बम में जयमाला सहित अन्य तस्वीरों को देखकर बिलखते रहे। वो खुशनसीब पल याद करके उनके आंसू नहीं थम रहे हैं। घुड़चढ़ी से लेकर चढ़त तक के पल को याद करके पति और परिवार के अन्य सदस्य रोते रहे। परिजन बोले यह गम भुलाना आसान नहीं है। यहां आए कुछ रिश्तेदारों से पारस ने कहा कि नया जीवन शुरू होने से पहले ही बर्बाद हो गया। पत्नी वैशाली की मौत के बाद इंजीनियर पारस समेत परिवार के सभी लोगों का रो-रोकर बुरा हाल था। पारस ने ऐसा कभी सोचा भी नहीं होगा कि शादी के एक दिन बाद ही पत्नी को मुखाग्नि देनी पड़ेगी। मुखाग्नि देने के दौरान पारस के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। उनकी हालत को देखकर हर कोई गमगीन था। 

पारस के चाचा ने बताया कि शुक्रवार दोपहर में कंगना खेलने की रस्म हो चुकी थी। शनिवार को वैशाली के मायके से कुछ लोग आने थे। जिसको लेकर घर में पूरी तैयारी हो चुकी थी। हादसे के 15 मिनट बाद ही उसके मायके वाले आ गए थे। घर जहां खुशी का माहौल था, वहां चंद मिनटों में मातम छा गया। परिवार के लोगों ने बताया कि शादी के बाद पारस और वैशाली का पहाड़ों पर घूमने का प्लान था। अन्य कई सपने और अरमान उन्होंने संजोए थे, जो अब अधूरे छूट गए। पारस ने बताया कि सोमवार को वैशाली के परिजनों को मेरठ आना था।

विदाई के बाद रस्म के लिए एक बार मायके पक्ष ससुराल आते हैं। इस रस्म को पूरा करने के बाद उन्हें पहुंचना था। सीओ सिविल लाइन अरविंद चौरसिया ने बताया कि पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गई है। इसके चलते पोस्टमार्टम या अन्य कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है। यह एक हादसा है। वही आनंद अस्पताल के मेनेजर ने बताया कि गीजर के गैस से दम घुटने पर दुल्हन की मौत हुई है। अस्पताल आने से पहले ही वैशाली की मौत हो गई थी। उपचार देने का समय नहीं मिला।

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