बता दें कि कोर्ट में चौक थाने से पहले ही रिपोर्ट आ गई है कि इस मामले में थाने में कोई मुकदमा दर्ज नहीं है। प्रकरण के अनुसार वादी हरिशंकर पांडेय क़ी तरफ से दी गई अर्जी में कहा गया था कि एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बरामद शिवलिंग को लेकर हिदुओं को भड़काने वाला बयान दिया था।
ज्ञानवापी में काफी संख्या में एक विशेष वर्ग के लोगों ने सैकड़ों कि संख्या में जुटकर भड़काऊ नरेबाजी कि। इस मामले में ज्ञानवापी मस्जिद के अंजुमन इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल वाकी, मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, कमेटी के संयुक्त सचिव सैय्यद मोहम्मद यासीन और बयान देने वाले नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है।
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