सोमवार को गांधीनगर सेशन कोर्ट के आसाराम को दुष्कर्म का दोषी ठहराए जाने की खबर विभिन्न समाचार माध्यमों से पता चली तो शाहजहांपुर की पीड़िता और उसके पिता के चेहरे खिल उठे। पीड़िता भी काफी खुश हुई। उसने कहा कि कोर्ट पर पहले से विश्वास था। दुष्कर्मी आसाराम कभी जेल से बाहर न आए। मंगलवार को गांधीनगर की अदालत ने इस मामले में भी दुष्कर्मी आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
पीड़िता के पिता ने कहा कि आसाराम को सजा होने से बहुत सुकून मिला है। जीत हमेशा सत्य की ही होती है। वह सच्चाई के रास्ते पर चलकर अपनी लड़ाई लड़ रहे थे। उन्होंने कहा कि आसाराम जेल के अंदर बैठकर उनके खिलाफ साजिश रच रहा है। अपने शिष्यों के जरिये उनके खिलाफ झूठे मुकदमे लिखवा रहा है। वह गवाहों को भी नहीं बख्श रहा।
आरोप लगाया कि आसाराम ने भोलानाथ, अमृत प्रजापति को मरवा दिया। राहुल सचान का अभी तक सुराग नहीं लगा है। भगवान के घर देर हैं, मगर अंधेर नहीं। आसाराम को अपने कुकृत्यों की सजा भुगतनी ही पड़ेगी। बता दें कि शाहजहांपुर की नाबालिग किशोरी ने वर्ष 2013 में आसाराम पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। अदालत ने 2018 में आसाराम को इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी
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