घोड़ा-बग्गी पर बैठकर जब निकली सिमरन तो टूट गए सदियों के बंधन, बिटिया को दी शाबाशी और बढ़ाया हौसला...


मुजफ्फरनगर। जिले के खतौली में बदलते दौर के साथ पुरानी परंपराएं टूटने लगी है. सदियों से बेटे की घुड़चढ़ी की परंपरा है. लेकिन खतौली में घर की इकलौती बेटी घोड़ा-बग्गी पर सवार होकर निकली. घंटे भर तक सडक़ों पर बिटिया की घुड़चढ़ी का जश्न मनाया गया. लोगों ने बिटिया को शाबाशी दी और हौसला बढ़ाया.

दरअसल, खतौली ग्रामीण की जगत कॉलोनी में रह रहे किसान पिंटू चौधरी के घर रविवार को खुशियां छाई रही। किसान की इकलौती बेटी सिमरन चौधरी कस्बे में घोड़ा-बग्गी पर सवार होकर निकली. किसान ने बताया कि उसके घर में बेटा नहीं है, लेकिन हमेशा बेटी को ही बेटा मानकर परवरिश की है. ख्वाहिश थी कि वह बेटी की घुड़चढ़ी करें, परिवार ने सहमति दी तो रविवार को बेटी कस्बे में खुशी मनाते हुए निकली. वह और उनका परिवार बेहद खुश है. मां पूनम, दादा जगत सिंह और दादी सुभद्रा ने भी खुशी जताई.

किसान पिंटू ने बताया कि उनकी बेटी बीटेक करने के बाद दुबई में नौकरी करती है. उसकी शादी उत्तराखंड़ के काशीपुर निवासी दुष्यंत के साथ सोमवार को होगी. रविवार को घुड़चढ़ी की रस्म हुई है. बग्गी पर सवार सिमरन ने कहा कि वह ही बेटी है और वही बेटा. परिवार ने खुशी से पाला और खुशी से ही मुझे बग्गी पर बैठाया. हर माता-पिता को अपनी बेटियों को संस्कार और शिक्षा देनी चाहिए.

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