घूस लेते रंगे हाथ पकड़े गए सेक्रेटरी साहब...

कमीशन खोरी के खेल में राजस्व विभाग, चकबंदी, एआरटीओ भी पीछे नहीं


मऊ। विकास भवन के मुख्य गेट के पास से बुधवार को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी अमरेश सिंह को 20 हजार रुपए घूस लेते हुए एंटी करप्शन गोरखपुर की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। दरअसल, अमरेश सिंह रतनपुरा ब्लाक के इटौरा गांव में बतौर पंचायत सचिव तैनात थे, इटौरा कंपोजिट विद्यालय पर टाइल्स लगाने के लिए उनके द्वारा विभिन्न फर्मों से खरीदारी की गई थी और एमबी बनाकर भुगतान के लिए दिया गया था। एमवी के मुताबिक 2 लाख 80 हजार का भुगतान करना था, जिसमें अमरेश सिंह द्वारा आठ प्रतिशत कमीशन की मांग की गई। अमरेश द्वारा यह कहा गया कि जब तक मेरे कमीशन का 22 हजार रुपए नहीं मिल जाता तब तक भुगतान नहीं करूंगा।


काफी मान मनोबल के बाद मामला 20 हजार रुपए में तय हुआ। इसी बीच ग्राम प्रधान इटौरा द्वारा इस बात की शिकायत एंटी करप्शन को कर दिया गया था। जिसका संज्ञान लेते हुए आर्थिक अपराध शाखा संतोष कुमार दीक्षित की टीम मऊ पहुची और बुधवार को विकास भवन के मुख्य गेट से ग्राम पंचायत इटौरा के प्रधान पति अश्वनी सिंह के हाथों 20 हजार रुपए का घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

सूत्रों की माने तो ग्राम पंचायतों में कमीशन का खेल बहुत ही पुराना है, बिना कमीशन लिए यहां कोई काम संभव ही नहीं है। इसी की देन है कि ग्राम पंचायतों में विकास कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। कमीशन खोरी मानो एक परंपरा बन गई है जिसका निर्वहन ग्राम प्रधानों द्वारा बड़ी ईमानदारी से किया जाता है। इस घटना ने मानो किसी परंपरा को थोड़ा हो इस बात की टीस ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों में साफ-साफ देखी गई। भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी के खेल में राजस्व विभाग, चकबंदी, एआरटीओ भी पीछे नहीं है अगर जिलाधिकारी इस पर तत्परता दिखाए तो इन विभागों से भी कई अमरेश निकलकर सामने आएंगे।

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