कार पार्किंग विवाद मेें कुश्ती के राष्ट्रीय खिलाड़ी की ईंट से मार-मारकर हत्या...जांच में जुटी पुलिस


गाजियाबाद। जिले के साहिबाबाद में लोनी-भोपुरा रोड पर दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है. बिहारी ढाबे के सामने सड़क पर कार पार्किंग के विवाद में राष्ट्रीय कुश्ती खिलाड़ी और सेवानिवृत्त दरोगा के बेटे अरुण उर्फ वरुण (33) की ईंट मारकर हत्या कर दी गई. बात सिर्फ इतनी सी थी कि अरुण ने उनकी कार के बराबर में खड़ी कार को हटाने के लिए कहा था. इसी पर आरोपी भड़क गया और दोस्तों के साथ मिलकर उसके साथ हाथापाई करने लगे. उसके बाद आरोपियों ने उसे जमीन पर गिरा दिया और दम निकलने तक सिर पर ईंट से प्रहार किए. इस दौरान राहगीर वीडियो बनाते रहे, लेकिन अरुण को बचाने के लिए आगे नहीं आए. अरुण के साथ दो दोस्त भी थे, लेकिन वे भी तमाशबीन ही बने रहे.

परिजनों ने बताया कि अरुण की पत्नी को मायके जाना था. वह उसे कार से मोहन नगर बस स्टैंड पर छोड़कर अपने गांव जावली वापस जा रहा था. रास्ते में दोस्त संजय रावत और दीपक मिल गए. दोनों दोस्त बिहारी ढाबे से खाना लेने चले गए. ढाबे के बाहर अरुण ने कार खड़ी कर दी. तभी उनकी कार से सटाकर एक युवक ने अपनी कार खड़ी कर दी. इससे अरुण कार का गेट नहीं खोल पा रहा था. अरुण ने चालक से कार हटाने के लिए कहा, लेकिन उसने मना कर दिया. इसी बात पर कहासुनी हो गई. चश्मदीदों ने पुलिस को बताया कि कार में मौजूद तीन-चार युवक उतर आए. उन्होंने पहले अरुण को कार का शीशा तोड़कर बाहर निकाला और फिर जमीन पर गिराकर बुरी तरह मारा.

सूचना मिलने पर परिजन उसे दिल्ली के जीटीबी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. अरुण के परिजनों में भारी गुस्सा है. उन्होंने हत्या करने वाले युवकों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर टीलामोड़ थाने पर हंगामा किया और फिर 20 मिनट तक सड़क जाम की. उधर, इस घटना का वीडियो वायरल हुआ है. यह राहगीरों ने बनाया था. सीओ साहिबाबाद पूनम मिश्रा का कहना है कि आरोपियों की तलाश के लिए पांच टीमों को लगाया है. सीसीटीवी से आरोपियों की पहचान कर ली गई है. वे राजपुर के बताए गए हैं. वहीं, अरुण के दोस्तों ने पुलिस को बताया कि हमलावरों ने अरुण को अपशब्द कहे. इसके बाद वे ईंट उठाकर लाए. इससे गाड़ी का शीशा तोड़ दिया और अरुण को खींचकर बाहर निकाल लिया. हमलावर तीन-चार थे. उन्होंने अरुण को सड़क पर गिरा लिया और लात-घूंसों से पीटा. वहां से गुजर रहे लोग मोबाइल से वीडियो बनाते रहे.

उधर, हमलावर प्रहार करते रहे. अरुण के सिर पर ईंट लगते ही उसके शरीर में हरकत बंद हो गई थी. इसके बाद भी हमलावर ने एक और बार प्रहार किया. वारदात के दौरान राहगीर वीडियो बनाते रहे, लेकिन अरुण को बचाने के लिए आगे नहीं आए. अरुण के साथ दो दोस्त भी थे, लेकिन वे भी तमाशबीन ही बने रहे. अरुण के पिता सेवानिवृत्त दरोगा कंवरपाल ने संजय, दीपक और अन्य के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया है.

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