झांसी। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत गुरसराय में शुक्रवार को आयोजित विवाह सम्मेलन में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। भव्य मंच, सजा मंडप और बैठे पंडित — सब कुछ तो तैयार था, लेकिन जैसे ही विवाह संस्कार शुरू हुए, कई जोड़े मंडप छोड़कर भाग निकले।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आधे से ज्यादा जोड़ों ने न तो फेरे लिए, न ही मांग भरी। बल्कि, कई जोड़े सीधे सामान लेने की लाइन में लग गए। जांच में पता चला कि कई जोड़े पहले से शादीशुदा थे और सिर्फ योजना का लाभ पाने पहुंचे थे।
कार्यक्रम में 123 जोड़ों के विवाह की सूची थी, परंतु हकीकत में कई ‘फर्जी जोड़े’ थे। समाज कल्याण विभाग के अधिकारी कार्यक्रम से नदारद रहे। इससे प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार की बू साफ महसूस हुई।
स्थानीय लोगों ने सवाल उठाया है — “जब गरीबों की मदद की मंशा से बनी योजना का इस्तेमाल ही फर्जी तरीके से हो रहा है, तो जांच कौन करेगा?”
अब देखना होगा कि प्रशासन इस फर्जीवाड़े पर क्या कार्रवाई करता है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को गरीब परिवारों के लिए सरकार की संवेदनशील पहल माना जाता है, लेकिन झांसी का यह प्रकरण सिस्टम की सच्चाई उजागर करता है।

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