थाने में नाबालिग को थर्ड डिग्री..फिर इस हाल में मिली लाश...शरीर पर ऐसे निशान, दो दरोगा लाइन हाजिर!



लखनऊ। एटा में किशोरी के अपहरण के मामले में पुलिस के बुलाने पर किशोर शुक्रवार को थाना निधौली कलां गया। शनिवार सुबह उसका शव गांव के बाहर मिला। उसके शरीर पर चोट के निशान थे। परिजन ने आरोप लगाया कि थाने में उसकी बेरहमी से पिटाई की गई, इसी वजह से उसकी मौत हुई है। आक्रोशित परिजन ने पहले शव को एसएसपी कार्यालय पर रखकर प्रदर्शन और हंगामा किया। इसके बाद पोस्टमार्टम हाउस के बाहर भी हंगामा करते हुए जाम लगा दिया। ग्रामीणों के आरोप पर दो दरोगा लाइन हाजिर कर दिए गए हैं।
गांव चंद्रभानपुर उर्फ नगला खरेटी निवासी मौहर सिंह ने बताया कि बेटा सत्यवीर सिंह (16) नासिक में रहकर प्राइवेट नौकरी करता था। आरोप लगाया कि 8 दिन से थाना निधौली कलां में तैनात उपनिरीक्षक सुरेंद्र यादव और आसिफ अली व अन्य पुलिसकर्मी घर पर आकर धमकाते थे। इनका कहना था कि सत्यवीर को बुलाओ, उससे किसी मामले में पूछताछ करनी है। पिता ने बताया कि एक अगस्त को बेटे सत्यवीर के साथ बड़ा बेटा भूरे थाने में पहुंचा। पुलिसकर्मियों ने भूरे को बाहर बैठा दिया और सत्यवीर को अंदर ले जाकर सुरेंद्र यादव, आसिफ अली और आरक्षी पुष्पेंद्र, दिलीप व अन्य ने पीटना शुरू कर दिया। चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर भूरे ने पुलिसकर्मियों से पूछा तो कहा कि चुपचाप बैठे रहो नहीं तो झूठे केस में फंसाकर जेल भेज देंगे। डर की वजह से सभी लोग वहां से घर चले आए। पिता ने बताया कि शनिवार सुबह गांव से बाहर कुछ लोग शौच करने के लिए खेतों की ओर गए तो देखा कि रास्ते में सत्यवीर का शव पड़ा है। उसके शरीर पर पैरों से लेकर पीठ तक कई जगह चोट के निशान थे। इससे लग रहा है कि पुलिसकर्मियों ने पीट-पीटकर सत्यवीर की हत्या कर दी और शव को गांव के बाहर रास्ते पर डाल गए। एसएसपी श्याम नारायण सिंह ने बताया कि एक लापता किशोरी के मामले की पूछताछ के लिए सत्यवीर को थाने में बुलाया गया था और परिजन के सुपुर्द कर दिया गया था। रात में घर में जाकर उसने खुदकुशी कर ली। थाने में पिटाई का आरोप लगाया गया है, इसकी जांच की जा रही है। दोनों आरोपी उपनिरीक्षकों को लाइन हाजिर कर दिया गया है।

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