IGRS पोर्टल पर लगा दी गलत रिपोर्ट...थाना प्रभारी समेत 3 पुलिसकर्मी निलंबित!


लखनऊ। प्रदेश के झांसी में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। जनसुनवाई पोर्टल पर गलत रिपोर्ट देने के आरोप में एक थाना प्रभारी समेत तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने यह कार्रवाई की है। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की एक अधिकारी ने उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत की जांच में लापरवाही बरती गई। गलत जानकारी पोर्टल पर अपलोड की गई, इसलिए यह कार्रवाई हुई। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की प्रशासनिक अधिकारी डॉ. पुष्पा गौतम ने 23 मार्च को एक शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने अपने विभाग के कुछ कर्मचारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। यह शिकायत उन्होंने श्आइजीआरएस पोर्टलश् पर की थी। इस शिकायत की जांच एक चौकी प्रभारी को सौंपी गई थी। चौकी प्रभारी ए.के. दीक्षित ने जांच में लापरवाही की। उन्होंने इसे विश्वविद्यालय का अंदरूनी मामला बता दिया। उन्होंने 6 अप्रैल को शिकायत का निपटारा भी अपलोड कर दिया।
इतना ही नहीं, उन्होंने एक और गड़बड़ी की। निस्तारित किए गए दस्तावेजों में डॉ. गौतम की जगह किसी और महिला की तस्वीर लगा दी। जब डॉ. गौतम को यह पता चला, तो उन्होंने उच्च अधिकारियों से शिकायत की। इसके बाद मामले की सच्चाई सामने आई। पता चला कि जांच में लापरवाही हुई है। झांसी एसएसपी सुधा सिंह ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि जनसुनवाई पोर्टल एक महत्वपूर्ण माध्यम है। यह लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि जनसुनवाई पोर्टल, समस्या समाधान के लिए एक सशक्त और गंभीर माध्यम है। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एसएसपी सुधा सिंह ने बताया कि शुरुआती जांच में तीन लोग दोषी पाए गए हैं। नवाबाद के थाना प्रभारी निरीक्षक जितेंद्र सिंह, चौकी प्रभारी ए.के. दीक्षित और पोर्टल पर काम करने वाली एक महिला पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इन सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। इस घटना से पता चलता है कि सरकारी कामकाज में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। जनसुनवाई पोर्टल लोगों की मदद के लिए है। इसमें गलत जानकारी देने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि लोगों का विश्वास बना रहे।

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