मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। रायबरेली के साइबर अपराधी दुर्गेश व संजय पांडेय का जुड़ाव पाकिस्तानी रहीम के साथ ही लखनऊ के अब्दुल से भी है। दुर्गेश बिहार के संदिग्ध युवाओं के खाते में पैसे जमा करने के साथ ही अब्दुल को नकद भुगतान करता था। एक वर्ष में उसे करीब 60 करोड़ रुपये दिए हैं, जिसे वह अयोध्या व गोंडा भेजा है।माना जा रहा है कि लखनऊ में बैठा अब्दुल अयोध्या के लिए कुछ बड़ी तैयारी कर रहा है। सुरक्षा एजेंसियों को रायबरेली जेल में बंद दुर्गेश और संजय पांडेय से अहम जानकारी मिली है। सूत्रों के अनुसार दोनों ने बताया कि दुबई और पाकिस्तान से भेजे गए अधिकतर रुपयों को वह रहीम के बताए बैंक खातों में ही जमा करते थे। बाद में रहीम का संदेश आया कि लखनऊ से अब्दुल आएगा, जिसे नकद भुगतान करना है। हर भुगतान से पहले रहीम की पाकिस्तान से वाट्सएप कॉल आती थी। कुछ ही देर बाद अब्दुल रायबरेली पहुंच जाता था।
दुर्गेश और संजय से सुरक्षा एजेंसियों ने बार-बार पूछा कि अब्दुल दिखता कैसा है? इसपर दुर्गेश का जवाब था कि हर बार वह अपना चेहरा ढक कर रुपये लेने पहुंचता था। वही अयोध्या, अम्बेडकरनगर व गोंडा भी पैसे पहुंचाता था। जांच अधिकारियों के अनुसार अब्दुल कौन है...इस बारे में जानकारी जुटाई जा रही है, लेकिन इतना संकेत जरूर मिला है कि आतंकी संगठन अयोध्या के लिए कुछ बड़ी तैयारी कर रहे हैं। इसी इनपुट के आधार पर पहलगाम हमले के बाद से राम मंदिर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अयोध्या के आसपास के जिलों गोंडा, बस्ती, सुल्तानपुर, बाराबंकी व अंबेडकरनगर पर नजर है।
यहां सवाल यह कि आखिर अयोध्या की चौहद्दी वाले जिले ही क्यों? इसपर पूर्व आईबी अधिकारी बताते हैं कि नेपाल सीमा व अयोध्या के करीब होने से गोंडा, बस्ती, बाराबंकी आतंकियों के साथ ही सुरक्षा एजेंसियों के लिए बेहद अहम है। बीते तीन वर्ष में एटीएस ने इन जिलों में ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए देश विरोधी गतिविधियों में शामिल 11 संदिग्धों को पकड़ा है। महाकुंभ के समय फरीदाबाद से मिल्कीपुर निवासी आतंकी अब्दुल रहमान की गिरफ्तारी को भी इससे जोड़कर देखा जा रहा है।
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