पीड़िता का आरोप है कि टीम बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक विवादित जमीन की नाप करने लगी, लेकिन उस वक्त उनके घर कोई पुरुष नहीं था। ऐसे में पीड़िता ने विवादित जमीन की नाप किसी दूसरे दिन करने की बात कही, जिसके बाद अधिकारियों ने महिला को डांट लगाते हुए भाग जाने को कहा। महिला जब नाप का विरोध करते हुए घर में चली गई तो पुलिसकर्मियों ने उसके साथ बर्बरता की। आरोप है कि राजस्व टीम की मौजूदगी में नाप का विरोध और कथित तौर पर गाली देने पर पुलिसकर्मी पीड़िता को घर के अंदर से घसीटते हुए बाहर ले गए। शर्मनाक तो तब रहा कि जब पुलिस पीड़ित महिला को घसीट रही थी तो उसकी साड़ी से ढका शरीर खुल गया, इसके बावजूद उसे पुलिसकर्मियों ने घसीटने में कोई कसर नहीं छोड़ी। महिला के साथ हुई इस बर्बरता में पुरुष और महिला दोनों पुलिसकर्मियों को साफ देखा जा सकता है। हालांकि, पुलिस ने इसके बाद पीड़ित महिला को हिरासत में लेकर चालान करके न्यायालय भेज दिया। मां के साथ हुई बर्बरता के संबंध में पीड़िता के दिव्यांग बेटे हरिश्चंद्र यादव ने वायरल वीडियो के साथ जौनपुर के जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र सिंह से शिकायत की है। पीड़ित के मुताबिक, जिलाधिकारी ने न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है. फिलहाल, लाल रंग की साड़ी में दिख रही पीड़ित महिला का अपराध क्या है? वीडियो वायरल होने के बाद अब जौनपुर पुलिस भी बताने से कतरा रही है। वहीं महिला के साथ पुलिसकर्मियों की बर्बरता को वायरल वीडियो में देखा जा सकता है। निश्चित तौर पर प्रदेश सरकार के नारी सुरक्षा और सम्मान के दावों पर बड़ा प्रश्नचिन्ह है।
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