प्रयागराज। मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन अमृत स्नान शुरू होने से पहले ही संगम नगरी से बुरी खबर सामने आ गई. यहां देर रात डेढ़ बजे के करीब अचानक से भगदड़ (Stampede In Mahakumbh Update) मच गई। जिस कारण वहां कई श्रद्धालु घायल हो गए। 17 श्रद्धालुओं की मौत की भी आशंका जताई जा रही है। फिलहाल, स्थिति नियंत्रण में है। साधु और अन्य श्रद्धालु गंगा स्नान कर रहे हैं। श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई परेशानी न हो, इसलिए सभी अखाड़ों ने खुद के स्नान पर रोक लगा रखी है। लेकिन हर किसी के मन में यह सवाल है कि आखिर भगदड़ कैसे मची?
महाकुंभ में इस समय खचाखच भीड़ है। चलने में भी लोगों को काफी परेशानी आ रही है। देर रात (1:30 बजे) जब श्रद्धालु मेले में पैदल चल रहे थे तो अचानक से संगम नोज पर एक बैरियर टूट गया। इस कारण भगदड़ मच गई। लेकिन इसके पीछे ये भी कहा जा रहा है कि महाकुंभ मेला क्षेत्र में भीड़ इतनी थी कि कुछ महिलाओं का दम घुटने लगा। इसके बाद एक दूसरे पर वह गिरने लगीं। इसी वजह से बैरिकेडिंग टूटी और देखते ही देखते भगदड़ मच गई।
भगदड़ के बाद अखाड़ों के स्नान करने के लिए जिस जगह को खाली करवाया गया था वहां पर एंबुलेंस की कतार देखी गई। लोगों का कहना है कि तमाम रास्तों को बंद कर दिया गया है जिसकी वजह से जो रास्ते खुले हुए हैं उन पर दबाव बढ़ गया। यही कारण रहा कि कई लोग दम घुटने से गिर पड़े और दब गए। इसके बाद भगदड़ जैसी स्थिति हो गई। ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों ने बताया कि 30 से 35 लोगों को उन्होंने अस्पताल पहुंचाया है। मेला क्षेत्र में परेड ग्राउंड में बने अस्पताल में घायलों को भर्ती करवाया गया है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा, ‘जो घटना हुई उससे हम दुखी हैं। हमारे साथ हजारों श्रद्धालु थे। जनहित में हमने फैसला किया कि अखाड़े आज स्नान में हिस्सा नहीं लेंगे। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे आज के बजाय वसंत पंचमी पर स्नान के लिए आएं। साथ ही, यह घटना इसलिए हुई क्योंकि श्रद्धालु संगम घाट पहुंचना चाहते थे, इसके बजाय उन्हें जहां भी पवित्र गंगा दिखे, वहीं डुबकी लगा लेनी चाहिए। यह प्रशासन की गलती नहीं है, करोड़ों लोगों को संभालना आसान नहीं है। हमें अधिकारियों के साथ सहयोग करना चाहिए।
उधर, पीएम मोदी ने महाकुंभ मेले में हालात पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से फोन पर सुबह-सुबह बात की है। उन्होंने स्थिति की समीक्षा की और तुरंत मदद के उपायों पर जोर दिया।
उत्तर प्रदेश सरकार ने मौनी अमावस्या के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के जुटने के मद्देनजर यहां एक हजार से अधिक चिकित्साकर्मियों को तैनात किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मेले के हर सेक्टर में आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। महाकुम्भनगर में 300 विशेषज्ञ डॉक्टर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में तैनात किए गए हैं। ये किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। अब तक दो लाख से अधिक मरीज यहां के केंद्रीय समेत अन्य अस्पतालों में ओपीडी सेवाओं का लाभ उठा चुके हैं। साथ ही अब तक ढाई लाख से अधिक लोग जांच करा चुके हैं।
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