पूर्वांचल की चार विभूतियों को मिला पद्मश्री...राष्ट्रपति के हाथों सम्मान पाकर खिले चेहरे!


वाराणसी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को नई दिल्ली में दो विभूतियों को पद्मश्री देकर सम्मानित किया। बनारस घराने के शास्त्रीय गायक सुरेंद्र मोहन मिश्र को मरणोपरांत पद्मश्री दिया गया है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में दिवंगत सुरेंद्र मोहन मिश्र के बेटे रामेंद्र मिश्र ने सम्मान प्राप्त किया। सुरेंद्र को यह सम्मान शास्त्रीय संगीत में योगदान के लिए मिला है। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत की लंबे समय तक सेवा की। वह गायन और वादन दोनों से जुड़े थे।

बनारस के गोदावरी सिंह को भी पद्म श्री दिया गया। उन्हें यह पुरस्कार लकड़ी के खिलौनों के निर्माण में उल्लेखनीय योगदान के लिए मिला है। उन्हें खिलौना किंग भी कहा जाता है। गोदावरी सिंह का परिवार पांच पीढ़ियों से लकड़ी के खिलौने बनाने काम करता आ रहा है। 2005 के गणतंत्र दिवस समारोह में यूपी की झांकी में भी गोदावरी सिंह का योगदान था। तब झांकी को तीसरा पुरस्कार मिला था।

मिर्जापुर जिले की प्रख्यात कजरी गायिका उर्मिला श्रीवास्तव और दरी व्यवसायी खलील अहमद को सोमवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में पद्मश्री सम्मान प्रदान किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें स्मृति चिह्न और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। उर्मिला श्रीवास्तव को कजरी गायन तथा लोकगीत गायन के क्षेत्र में यह सम्मान प्रदान किया गया है। इससे पहले भी उन्हें कई सम्मान प्रदान किए जा चुके हैं। उन्होंने देश- विदेश में कजरी गायन की खुशबू बिखेरी है। सम्मान प्राप्त करने के बाद वे 25 अप्रैल को सुबह मगध एक्सप्रेस से मिर्जापुर लौटेंगी। इसी प्रकार से इमामबाड़ा निवासी खलील अहमद को शिल्प गुरु का सम्मान भी प्रदान किया जा चुका है। वे जिले में हस्तनिर्मित दरी के निर्माण के लिए जाने जाते हैं। उनके तीन पुत्र भी इसी व्यवसाय में लगे हुए हैं।

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