पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश का हटना और विवेचक बदलने का उठाया फायदा...और करवा दिया आरओ/एआरओ पेपर लीक!


मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से कराई गई आरओ/एआरओ (प्रारंभिक) परीक्षा-2023 का पेपर लीक कराने के आरोपी डॉ. शरद सिंह पटेल पर कमिश्नरेट की पुलिस की लापरवाही की वजह से 26 महीने से ज्यादा समय से कानूनी शिकंजा से दूर रहा। उसके खिलाफ नीट सॉल्वर गैंग के मामले में दो फरवरी 2022 से गिरफ्तारी का अधिपत्र जारी था। बताते हैं उसके राजनैतिक आकाओं और नौकरशाहों में गहरी पैठ के चलते पुलिस न जाने कितने दबाव में थी कि डॉ. शरद पर कार्रवाई नहीं की। नतीजतन, आरओ/एआरओ (प्रारंभिक) परीक्षा-2023 का पेपर लीक कराने में भी उसने अहम भूमिका निभाई।

मिर्जापुर के चुनार थाना क्षेत्र के कैलहट, पचेवरा के रहने वाले डॉ. शरद को रविवार को यूपी-एसटीएफ ने आरओ/एआरओ (प्रारंभिक) परीक्षा-2023 का पेपर लीक कराने के आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया है। इससे पहले वाराणसी में नीट में धांधली के आरोप में 13 सितंबर 2021 को सारनाथ थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। तत्कालीन पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश के निर्देश पर मुकदमे की विवेचना के दौरान 30 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। 2022 में आरोपी के रूप में डॉ. शरद का नाम सामने आया था। मगर, पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश के तबादले के साथ ही मुकदमे की विवेचना ठंडे बस्ते में चली गई और डॉ. शरद ने प्रतियोगी परीक्षाओं में अपनी जालसाजी का सिलसिला जारी रखा। वह लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य के लिए बुरा साबित हुआ। दूसरी ओर इस पर हाथ डालने के बाद संयोग था या कुछ और पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश को साइड लाइन कर दिया गया।

नीट सॉल्वर गैंग मामले की विवेचना में पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश के निर्देशन में तत्कालीन सबसे ईमानदार दरोगा सूरज तिवारी को विवेचना देकर आरोपियों की गिरफ्तारी कराई थी।तिवारी को केंद्रीय गृहमंत्री का एक्सीलेंस इन इंवेस्टिगेशन मेडल भी दिया किया था। डॉ. शरद का नाम आने के बाद जब एसआई सूरज ने उसके खिलाफ साक्ष्य एकत्र करने और उसकी गिरफ्तारी का प्रयास शुरू किया तो उनसे विवेचना ही ले ली गई। साथ ही एसआई सूरज के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई। जांच किस आधार पर शुरू की गई, इस बारे में कमिश्नरेट के आला अधिकारी अनभिज्ञ हैं। एसआई सूरज तिवारी ने इस मामले में सिर्फ इतना ही कहा कि हमने अपना काम ईमानदारी से किया था। शेष, हम अनुशासित बल के कर्मी हैं और ज्यादा कुछ नहीं कह सकते हैं।

सारनाथ थाने के थानाध्यक्ष उदय प्रताप सिंह ने बताया कि डॉ. शरद नीट सॉल्वर गैंग प्रकरण में वांछित है। उसके खिलाफ वारंट-बी बनवा कर लखनऊ की अदालत और जेल में पेश किया जाएगा। इसके बाद उसे बनारस लाकर मुकदमे के संबंध में पूछताछ की जाएगी।इस संदर्भ में वर्तमान पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कहा कि पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी। यदि किसी भी पुलिसकर्मी या अधिकारी की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होगी तो उसके खिलाफ कठोर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

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