कासगंज जेल में अब्बास को हाई सिक्योरिटी बैरक में सीसीटीवी की निगरानी में रखा गया है। परिजनों की तरफ से मुख्तार की मौत के बाद अब्बास अंसारी को जनाजे में शामिल होने की अनुमति के लिए हाईकोर्ट में अर्जी लगायी गयी थी। अर्जी पर हाई कोर्ट में इसपर सुनवाई नहीं हो सकी थी। अब्बास अंसारी अपने पिता को अंतिम संस्कार में मिट्टी नहीं दे सके थे। जेल सूत्रों के अनुसार आम मुलाकत के बाद अलग से विशेष निगरानी में अब्बास अंसारी से उमर अंसारी और निकहत की मुलाकात कराई गयी जो आधे घंटे तक चली। इस दौरान कासगंज जेल में सुरक्षा बढ़ाई गयी। उमर अंसारी मीडिया कर्मियों से बचते नजर आये। उन्होंने केवल इतना कहा कि हम मुलाक़ात करने आये हैं।
सूत्रों के अनुसार जेल के अंदर उमर अंसारी एवं निकहत बानो की अब्बास अंसारी से लगभग 30 मिनट तक मुलाक़ात चली। इस दौरान अब्बास अंसारी काफी भावुक भी हो गए और फूट फूट कर रोये। अब्बास अंसारी से मुलाकात के बारे में उमर अंसारी ने बताया कि पिता की मौत के बाद एक बेटे पर क्या बीतती है वो देखा है हमने। हम भी बेटे हैं वो भी बेटे हैं। जेल के अंदर हिम्मत से है ठीक हैं। खाना खा रहे हैं और रोजा रख रहे हैं। नमाज पढ़ रहे हैं दुआ कर रहे हैं। उमर ने कहा कि पुत्र अपने पिता को कुछ दे नहीं सकता है बस सेवा कर सकता है दुआ कर सकता है और सारी उम्र यही करेगा। उन्होंने बताया कि अब्बास अंसारी की जमानत करवाने का प्रयास कर रहे हैं। देखो उम्मीद है जल्द जमानत हो जाये। उमर अंसारी भी अपने भाई से मिलकर भावुक हो गए। उमर अंसारी से जब कुछ बताने को कहा गया तो उन्होंने कहा कि सब कुछ कहा जा चुका है। ये दस्तूर, ये मौका ये वक़्त नहीं है कुछ कहने का।
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