आजमगढ़: चुनाव पुलिस मित्र कंट्रोल रूम की हुई शुरूआत...24 घण्टे सक्रिय रहेगा हेल्पलाइन नम्बर!



आजमगढ़। पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य द्वारा गांव-मोहल्ला जनसंपर्क अभियान चलाया गया है। जिसके अन्तर्गत जनपद के अपर पुलिस अधीक्षक नगर, ग्रामीण व यातायात, समस्त क्षेत्राधिकारी, समस्त प्रभारी निरीक्षक व थानों पर नियुक्त समस्त उप-निरीक्षक, मुख्य आरक्षी व आरक्षी द्वारा गांव व मोहल्ला में जाकर भ्रमण कर जनसंपर्क किया जा रहा है। भ्रमण के दौरान प्रत्येक गांव व मोहल्ला से 10-10 सम्भ्रान्त एवं व्यक्तियों का नाम व मोबाइल नम्बर नोट करके प्रत्येक थाने पर बनाये गये जनसंपर्क रजिस्टर में दर्ज किया जा रहा है। प्रचलित लोकसभा निर्वाचन प्रक्रियाको निष्पक्ष एवं सकुशल रूप से कराये जाने के दृष्टिगत पुलिस लाइन आजमगढ़ में आमजन एवं पुलिस के बीच समन्वय स्थापित किये जाने एवं अभिसूचना संकलन हेतुचुनाव पुलिस मित्र कंट्रोल रूमका गठन कर हेल्पलाइन नम्बर-0546-2297573 जारी किया गया है। प्रत्येक थाने पर 10-10, डिजिटल वालेन्टियर ग्रुप व C-plan एप्प का ग्रुप बना हुआ है, इन सभी साधनों से सम्पूर्ण जनपद के सभी थानों पर विभिन्न मोबाइल नम्बर एकत्रित किये गये है, जिनका एक डेटाबेस तैयार किया गया है।

चुनाव प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की शिकायत जैसे अवैध शराब, पैसा बांटना, डराना व धमकाना, अपराधिक गतिविधि, प्रलोभन , मादक पदार्थों का सेवन व वितरण, अवैध शस्त्र, किसी प्रकार की सामग्री का वितरण नगदी व शराब व कपड़े इत्यादि कि सूचना दे सकते है। इस कन्ट्रोल रूम में कुल 15 पुलिस आरक्षी की ड्यूटी लगायी गयी है तथा 10 टेलीफोन लैण्डलाइन नम्बर स्थापित किये गये है जो 24 घण्टे सक्रिय रहेगा। इस हेल्पलाइन नम्बर के माध्यम से प्रत्येक दिन सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक गांव/मोहल्ला वालों से टेलीफोन मिलाकर वार्ता की जा रही है और शाम 4 बजे से सुबह 8 बजे तक दो शिफ्टो में 2-2 आरक्षियों की ड्यूटी लगायी गयी है। यदि कोई सूचना व शिकायत प्राप्त होती है तो सम्बन्धित थाने से समन्वय स्थापित कर कार्यवाही करायी जा रही हैं। यह हेल्पलाइन टू-वे हेल्पलाइन है, इसमें जो आरक्षी नियुक्त है उनके द्वारा गांव व मोहल्ला में कुशलता की जानकारी ली जा रही है, साथ ही साथ यदि किसी गांव व मोहल्ले के व्यक्ति को चुनाव सम्बन्धी कोई समस्या बतानी है या सूचना देना है तो वह भी अपनी समस्या साझा कर सकता है। यह हेल्पलाइन लैण्डलाइन नम्बर है जिससे गोपनीयता बनी रहेगी, यदि कोई शिकायतकर्ता अपना नाम गोपनीय रखना चाहता है तो केवल गांव का नाम बताना अनिवार्य होगा, जिससे पुलिस कार्यवाही की जा सकें तथा शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जा सकें।

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