आजमगढ़ः ग्रामीण न्यायालय के विरोध में अधिवक्ताओं की हुई महापंचायत...अब लिया ये निर्णय!


Pankaj singh 
आजमगढ़। ग्रामीण न्यायालय के गठन के विरोध में मंगलवार को अधिवक्ताओं की महापंचायत हुई। प्रदेश के कई जनपदों से आए अधिवक्ताओं ने ग्रामीण न्यायालय के गठन का घोर विरोध किया। इस संबंध में चल रहे आंदोलन को कई चरणों में जारी रखने का निर्णय लिया। बताते चलें कि ग्रामीण न्यायालय के गठन विरोध में दीवानी कचहरी के अधिवक्ता एक फरवरी से लगातार हड़ताल पर हैं। इससे पूर्व दीवानी कचहरी के अधिवक्ता मंगलवार को सुबह शासन विरोधी नारा लगाते हुए पूरे दीवानी न्यायालय परिसर में जुलूस की शक्ल में चक्रमण किया। तत्पश्चात महापंचायत में कई जनपदों से आए अधिवक्ताओं ने ग्रामीण न्यायालय के विरोध में चल रहे आंदोलन को अपना समर्थन दिया और इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय तथा हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने का सुझाव दिया। इस महापंचायत में यह भी प्रस्ताव किया गया कि प्रदेश के सभी जनपदों में न्यायिक अधिकारियों की भारी कमी है। जिसे तत्काल भरा जाए। ऐसी स्थिति में जब तक दीवानी कचहरी के मे सभी न्यायिक अधिकारियों के पदों को भरा नहीं जाता तब तक ग्रामीण न्यायालय में न्यायिक अधिकारी न भेजे जाए। 

अधिवक्ताओं ने सरकार को चेताया कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो आगामी चुनाव में मतदान का बहिष्कार किया जाएगा। इस महापंचायत में यहभी निर्णय लिया गया कि ग्रामीण न्यायालय के गठन के विरोध में प्रदेशभर की अधिवक्ता संगठन प्रत्येक शनिवार को न्याय कार्य नहीं करेंगे। विश्व महापंचायत में उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के सदस्य हरिशंकर सिंह, विनोद कुमार पांडेय तथा देवरिया कुशीनगर गोंडा मिर्जापुर समेत कई जनपदों के अधिकता संगठनों की पदाधिकारी शामिल हुए। इसके अलावा दीवानी न्यायालय अभिभाषक संघ के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद सिंह, शिव गोविंद यादव, दयाराम यादव, सूबेदार यादव, प्रभाकर सिंह, ओम प्रकाश मिश्रा, अरुण कुमार श्रीवास्तव, पूर्व मंत्री अनिल कुमार सिंह, राजेश सिंह पाराशर, प्रमोद कुमार सिंह, नरेंद्र बहादुर राय, रामनारायण राय, प्रिंस सिंह राजेश सिंह तोमर समेत सैकड़ो अधिवक्ता शामिल हुए। इस महापंचायत की अध्यक्षता बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार पांडे ने तथा संचालन संघ के मंत्री आनंद श्रीवास्तव ने किया।

Post a Comment

0 Comments