अब घर बैठे आप खुद बना सकेंगे बिजली का बिल... जानें- क्या है प्रोसेस!



लखनऊ। अक्सर बिजली उपभोक्ता इस बात की शिकायत करते हैं कि उनका बिजली का बिल गलत, या जरूरत से ज्यादा आया है या फिर उनके यूनिट की गलत गिनती हुई है। जिसकी वजह से बिल जमा होने में देरी होती है या भर ही नहीं पाते हैं, लेकिन अब इन तमाम समस्याओं से निजात मिलने जा रही है। उपभोक्ता अब खुद ही घर बैठे अपने बिजली के बिल को बना सकेंगे और उन्हें जमा भी कर सकेंगे। ऊर्जा विभाग की ओर से बिजली बिल को लेकर तमाम समस्याओं के निपटारे के लिए 'ट्रस्ट बिलिंग' की पहल की गई है। जिससे बिल से जुडी तमाम परेशानियों का समाधान हो जाएगा और उपभोक्ता घर बैठकर बिल तैयार कर उसे जमा भी कर सकते हैं।

सेल्फ बिल जेनरेशन की इस प्रक्रिया से कई परेशानियां अपने आप दूर होने लगेंगी, जैसे कि वक्त पर बिल न मिलने, गलत रीडिंग होने, गलत बिलिंग आदि समस्याएं जिसका समाधान इस प्रक्रिया से हाथों हाथ निकाला जा सकेगा। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने रविवार को ही 'ट्रस्ट बिलिंग' की शुरुआत की और कंज्यूमर ऐप भी लॉन्‍च किया गया। ट्रस्ट बिलिंग को लेकर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इससे प्रदेश के 3.28 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को फायदा होगा और वे आसानी से घर बैठकर अपना बिल उपभोक्ता बना पाएंगे। ट्रस्ट बिलिंग के तहत घरेलू व वाणिज्यिक श्रेणी के नौ किलोवाट भार तक के कस्टमर को ट्रस्ट बिलिंग की सुविधा दी जाएगी। विभागीय वेबसाइट या कंज्यूमर ऐप पर महीने में केवल एक बार मीटर रीडिंग दर्ज कर सकेंगे।

ऐसे बनाएं अपने बिजली का बिल

ट्रस्ट बिलिंग के तहत सेल्फ बिल जनरेशन के लिए उपभोक्ताओं को यूपीपीसीएल की वेबसाइट www.uppcl.org अथवा www.upenergy.in पर लॉगिन करना होगा। वेबसाइट का पेज खुलने पर कंज्यूमर कॉर्नर में जाकर 'सेल्फ बिल जनरेशन' को क्लिक कर उसे लॉगिन कर रजिस्टर्ड करें। इसके बाद विद्युत कनेक्शन, खाता संबंधी जानकारी और वर्तमान मीटर रीडिंग व पिछले महीने की मीटर रीडिंग दर्ज करें।

इसके अलावा यूपीपीसीएल की नव निर्मित मोबाईल कंज्यूमर ऐप (UPPCL Consumer APP) को एपल एप स्टोर अथवा गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर लॉगिन करना होगा। यह मोबाइल एप्लिकेशन उपभोक्ताओं की सेवाओं के लिए नई बनाई गई है। इस पर लॉगिन के बाद Self Bill Generation का विकल्प मिलेगा। पूरी प्रक्रिया के बाद 24 से 48 घंटे में उपभोक्ता का बिल जनरेट हो जाएगा, जिसकी जानकारी रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या रजिस्टर्ड ई-मेल के जरिए मिल जाएगी।विभाग की ओर से उपभोक्ता के घर जाकर मीटर रीडिंग चेक की जाएगी। अगर इसमें अंतर पाया गया तो बिल का डेढ़ गुना चार्ज वसूला जाएगा।

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