पंकज सिंह/आजमगढ़। दीदारगंज थाना क्षेत्र में हुई मनोज राजभर की हत्या उसकी पत्नी ने ही साजिश कर करवाया था। हत्याकांड को मृतक के भांजे ने ही अपने दोस्त के साथ मिल कर अंजाम दिया था। मंगलवार को पुलिस लाइन में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान पुलिस ने मनोज राजभर हत्याकांड का खुलासा करते हुए हत्यारोपियों को मीडिया के समक्ष पेश किया।बीते 26 सितंबर को ग्राम आमगांव के चौकीदार रतनलाल ने थाने में तहरीर दिया कि आमगांव नहर के किनारे एक अज्ञात व्यक्ति की लाश पड़ी है। 28 सितंबर को विनोद राजभर निवासी अशरफपुर उसरहटा थाना शाहगंज, जनपद जौनपुर ने मृतक की पहचान अपने भाई मनोज राजभर के रूप में किया। विनोद राजभर ने तहरीर दिया और हत्या की आशंका व्यक्त किया। इसके बाद एसपी ने घटना का अनावरण करने के लिए प्रभारी निरीक्षक दीदारगंज, स्वाट व सर्विलांस प्रभारी को निर्देशित किया। प्रभारी निरीक्षक दीदारगंज द्वारा स्वाट व सर्विलांस सेल की मदद से की गई विवेचना में अभियुक्त शिवम राजभर पुत्र रमाकान्त राजभर, प्रिंस प्रताप राजभर उर्फ लकी पुत्र स्व. संतोष राजभर निवासी ग्राम जेठहरी, दीदारगंज जनपद आजमगढ़ और ललीता देवी पत्नी स्व. मनोज राजभर ग्राम उसरहटा मौलानापुर थाना शाहगंज जनपद जौनपुर का नाम प्रकाश में आया। 2 अक्टूबर को करीब 6.30 बजे प्रभारी निरीक्षक नदीम फरीदी व सर्विलांस सेल द्वारा मुकदमे में वांछित अभियुक्त शिवम राजभर व प्रिंस प्रताप राजभर को औरंगाबाद तिराहे से मोटर साइकिल के साथ पकड़ लिया। पूछताछ में शिवम राजभर ने बताया कि वह अपनी मामी ललिता राजभर के कहने पर अपने मित्र प्रिंस राजभर उर्फ लकी के साथ मिलकर आमगांव नहर के पास 26 सितंबर की शाम लगभग 7 बजे चाकुओं से घोंपकर मामा मनोज राजभर की हत्या कर दिया। वहीं पुलिस ने ललिता देवी को सुधरपुर मोड़ के पास से गिरफ्तार किया। ललिता ने बताया कि मनोज आए दिन शराब पी कर उसे मारता-पीटता था। जिससे तंग आकर उसने भांजे शिवम से मिल कर पति की हत्या करवाया। पुलिस ने तीनों का चालान कर दिया है।

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