आजमगढ़: शिक्षकों ने धन दोगुना करने का लालच देकर हड़पे 62 लाख...जांच में जुटी पुलिस!


आजमगढ़। जिले में राजस्थान के भीलवाड़ा की एक कंपनी ने साढ़े पांच साल में धन दोगुना करने का झांसा देकर कई लोगों की लाखों की कमाई समेटकर फरार हो गई। फिलहाल निवेशकर्ताओं के 62 लाख रुपये हड़पने की जानकारी मिली है। पीड़ितों ने पुलिस को बताया कि परिषदीय विद्यालय में अध्यापन करने वाले तीन अध्यापकों ने ग्रामीणों से रुपये जमा कराए। रकम वापस मांगने पर पीड़ितों को जान से मारने की धमकी दी गई। इस संबंध में पीड़ितों ने रानी की सराय थाने में मुकदमा दर्ज कराया।

दरअसल, डुवेल साइन मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का हेड आफिस राजस्थान के भीलवाड़ा में है। वर्ष 2010 से जौनपुर में इसकी शाखा संचालित हो रही थी। इस कंपनी से आजमगढ़ के परिषदीय विद्यालय में तैनात शिक्षक अवध लाल समेत तीन लोग जुड़े हुए थे। लोगों से रुपये जमा कराते समय अवध लाल खुद को कंपनी का मालिक बताता था। जिले में कई लोगों का खाता खोलकर लाखों रुपये जमा कराए थे। वर्ष 2020 में जमाकर्ताओं की धनराशि वापस नहीं होने पर कंपनी ने जौनपुर में शाखा बंद कर दी। रुपये वापस न होते देख रानी की सराय थाना क्षेत्र के शाहखजुरा निवासी हरिनाथ ने रानी की सराय थाने में नौ अगस्त को तहरीर दी। 

आरोप लगाया कि बीआरसी मेंहनगर में तैनात अवध लाल, उच्च प्राथमिक विद्यालय गैरजोर अजय कुमार निवासी खुटवा थाना मेंहनगर व प्राथमिक विद्यालय करनेहुआ के सहायक अध्यापक अरविंद कुमार निवासी बुंदा थाना जहानागंज डुवेल साइन मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में पांच वर्ष छह माह में धन दोगुना करने का लालच देकर रुपये जमा कराए थे।

जौनपुर की शाखा बंद होने पर तीनों कंपनी का नाम बदलकर कार्य करते थे। डुवेल साइन मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड, डुवेल इंटरनेशनल प्राइवेट कंपनी, डुवेल एग्रो फार्म कंपनी, डुवेल यूएसडी कंपनी व डुवेल माइड्रिम कंपनी के नाम चलाते रहे। जमा धनराशि नहीं मिलने पर जमाकर्ताओं ने हो हल्ला मचाया तो मार्च 2023 में पूरी तरह से कारोबार बंद कर दिए। ऐसे में पीड़ित एसपी से मिलकर अपनी धनराशि दिलाने की मांग करने लगे। पीड़ितों में कई लोगों ने जब संपर्क किया तो कंपनी के हेड आफिस के प्रबंधक राजेंद्र शर्मा निवासी भीलवाड़ा राजस्थान ने बताया कि तीनों ने सपूर्ण जमा धनराशि ले ली है। 

इधर, आरोपितों द्वारा दिए गए चेक लगाए गए तो पता चला कि खाते में रुपये ही नहीं थे। यहां तक कि बांड भी भुगतान के नाम पर ले लिए हैं। पीड़ित ने कंपनी में जमा रुपये का विवरण भी सौंपा है। राजस्थान से रुपये वापस कर दिए जाने का जवाब मिला। पीड़ितों में कई लोगों ने जब संपर्क किया तो कंपनी के हेड आफिस के प्रबंधक राजेंद्र शर्मा निवासी भीलवाडा राजस्थान ने बताया कि तीनों ने संपूर्ण जमा धनराशि ले ली है। इधर, आरोपितों द्वारा दिए गए चेक लगाए गए तो पता चला कि खाते में रुपये ही नहीं थे। 

यहां तक कि बांड भी भुगतान के नाम पर ले लिए हैं। पीड़ित ने जमा रुपये का विवरण भी सौंपा है। इस संबंध में रानी की सराय पुलिस मुकदमा दर्ज जांच में जुटी हुई है। इंस्पेक्टर शशि चंद चौधरी ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है। जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा। आरोपित परिषदीय विद्यालय में अध्यापक हैं। चूंकि प्रथम दृष्ट्या मामला सही प्रतीत हो रहा लगे। ऐसे में पूछताछ के बजाय उनकी गिरफ्तारी होगी।

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