आजमगढ़: फेंकी गई दवाओं के मामले में SIC ने 4 फार्मासिस्ट को जारी किया नोटिस...शासन से कार्रवाई के संकेत!


आजमगढ़। मंडलीय जिला अस्पताल स्थित मोर्चरी हाउस के पीछे फेंकी गई जीवन रक्षक दवाओं का मामला तूल पकड़ने लगा है। मंगलवार को एसआईसी ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन कर चार फार्मासिस्ट को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। नोटिस जारी होते ही अस्पताल के फार्मासिस्ट में कार्रवाई को लेकर हड़कंप मच गया।

मंडलीय जिला अस्पताल नए-नए कारनामों से प्रायः सुर्खियों में रहता है। गत शनिवार को मर्चरी के पीछे बड़ी मात्रा में जीवन रक्षक दवाएं फेंकी मिली थीं। एक्सपायर होने से पहले ही जीवन रक्षक दवाओं को मरीजों के बजाय कूड़े के हवाले करने जैसे गंभीर मामले से हलचल मच गई। इसमें प्रथम दृष्ट्या संबंधित कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई। ऐसे में एसआईसी डाक्टर रीता दुबे ने मंगलवार को दवाओं की जांच के लिए बाल रोग विशेषज्ञ डाक्टर शैलेंद्र विमल, एंटी सर्जन रामकेवल पासवान और अमोध की तीन सदस्य टीम का गठन कर जांच का जिम्मा सौंपा है।

इसके साथ ही साथ फार्मासिस्ट अनिल राय, विश्राम यादव, रामानंद यादव व अनिल चौधरी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया है। शासन स्तर से कार्रवाई की बात सुनते ही फार्मासिस्टों में हड़कंप मच गया है। सरकार पूरे चाक-चौबंद से जनता को सुविधा मुहैया कराने के इंतजाम का दावा करती रहती है, लेकिन विभाग के कर्मचारियों पर लगाम कसने में नाकाफी साबित हो रही है, मरीजों को सरकारी दवाएं मिलने की बजाय कूड़े के हवाले कर दिया जा रहा है।

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