महाराणा प्रताप सेना के प्रमुख ने बताया कैसे मिली लड़ने की हिम्मत!
इस दौरान महाराणा प्रताप सेना के प्रमुख बिजेन्द्र सिंह ने कहाकि हजारों किलोमीटर दूर जब मैं अपने इलाज के लिए मुम्बई पहुंचा और मुझे कैंसर रोग के बारे में जानकारी हुई तो मैंने चिकित्सकीय पैनल से कहाकि मैं अंतिम सांस तक लड़ना चाहता हूं, आप केवल इलाज शुरू कराए। इस दौरान जहां परिवार मेरी ताकत बनी वहीं मुझसे प्रत्येक व्यक्ति ने मेरे लिए अपनी दुआएं भेजी और आज मैं सावन के पवित्र महीने में अपने गृह जनपद सकुशल लौट सका। मुम्बई में मुझसे लगातार मिलने वालों ने मेरा हौसला अफजाई में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा। संबंधों की ताकत को सभी को पहचाना चाहिए, किसी भी रोग में परिवार की ताकत के दम पर ही मरीज को शक्ति मिलती है।
मेरे पास लोगों के आभार के लिए शब्द नहीं है, मुझे आपका प्यार, आशीर्वाद आगे भी निरंतर चाहिए। इस दौरान श्री सिंह ने अपने छोटे बड़े अनुभव को साझा किया और जिन्दगी से कभी हार न मानने का संकल्प दिलाया।मंच पर रामाधीन सिंह, लक्ष्मण मौर्या, प्रभु नारायण पांडेय प्रेमी, कमलाकांत सिंह के साथ संयोजक हरिलाल यादव मौजूद रहे। संचालन संचालन डा सुधीर कुमार श्रीवास्तव ने किया। योद्धा को सम्मानित करने वालों में शत्रुध्न सिंह, सुरेश सिंह, अच्युतानंद तिवारी गुड्डू, सौरभ उपाध्याय, अंशुमन राय, सुरेन्द्र यादव, जय सिंह, मिथिलेश सिंह, हरिओम सिंह, ईश्वर चन्द्र यादव, जवाहर सिंह, हरिवंश सिंह, अवधेश यादव सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
0 Comments