Azamgarh: तिलक और आज़ाद ने स्वतंत्रता संग्राम की प्रखर ज्वाला को पूरे देश में फैलाया....जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर दी श्रद्धाजंलि!


आजमगढ़।
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और अमर बलिदानी चंद्र शेखर आज़ाद की जयंती अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण सभा द्वारा लालडिग्गी स्थित बड़ा श्रीगणेश मंदिर प्रांगण में रविवार को मनाई गई। प्रारम्भ में दोनों महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के चित्र के समक्ष श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनके जीवन पर प्रकाश डाला गया। इस मौके पर संगठन के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष पं. अभिषेक पाण्डेय का माल्यार्पण कर स्वागत भी किया गया। राष्ट्रीय संगठन मंत्री पं. सुभाष चंद्र तिवारी कुंदन ने कहाकि तिलक और आज़ाद दोनों विभूतियों ने स्वतंत्रता संग्राम की प्रखर ज्वाला को पूरे देश में फैलाने का कार्य किया। स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है का नारा देकर पं. बाल गंगाधर तिलक ने लोगों में स्वतंत्रतता संग्राम की क्रांति पैदा की, इसी कारण अंग्रेज उन्हें अशांति का पिता कहते थे।

तिलक जी ने ही महाराष्ट्र में गणपति स्थापना की शुरुआत 1890 में की थी, उनके कर्म यह बताते हैँ कि चरित्र में ब्राह्मणत्व को धारण करके समाज को नई दिशा दी जा सकती है, आज उनके जयंती पर समाज को उनसे सीख लेने की जरूरत है। क्रान्तिकारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चंद्रशेखर आज़ाद ने अल्प आयु में ही अंग्रेजी हुकूमत के अंदर दहशत पैदा कर दी थी। पूर्वी यूपी के अध्यक्ष पं. शर्मानंद पाण्डेय ने कहा कि दोनों महापुरुषों का देश की आजादी में अविस्मरणीय योगदान रहा है। इस मौके पर महंत राजेश मिश्र,प्रदेश महामंत्री अशोक कुमार तिवारी, प्रदेश सचिव बंशीधर पाठक , अजय पाण्डेय, रितेश पाण्डेय,मनोज पाण्डेय, संजय दुबे, हरिप्रसाद पाण्डेय, रमेश चंद्र सहित अन्य लोग शामिल रहे।

सच्चे अर्थों में भारत के निर्माता रहे तिलक जी

उधर ब्राह्मण समाज कल्याण परिषद के तत्वावधान में शनिवार को तिलक एवं आजाद जयंती मनाई गयी। प्रातः 8 बजे हर्रा की चुंगी स्थित अमर शहीद प0 चंद्रशेखर आजाद जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। शाम 3 बजे पूरा पाण्डेय स्थित भदुली बाजार के निकट साईं इण्टर नेशनल स्कूल में प0 लोक मान्य बाल गंगाधर तिलक एवं प0 चन्द्र शेखर आजाद जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर दोनों महान विभूतियों व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा की गयी।

मुख्य अतिथि अपर जिलाधिकारी प्रशासन अनिल कुमार मिश्र ने कहा कि तिलक जी स्वदेशी आन्दोलन के जन्म दाता थे। तिलक जी ने नारा दिया कि स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है ओर मैं इसे लेकर रहूँगा और उन्होंने इस नारे के मध्यमा से स्वाधीनता की लड़ाई को अन्तिम लक्ष्य तक पहुँचाया। तिलक जी सच्चे अर्थों में भारत के निर्माता थे ,और उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन देश की सेवा के लिए सपर्पित कर दिया।

जिलाध्यक्ष ब्रजेश नन्दन पाण्डेय ने कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी पण्डित लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जी बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे, उन्होंने एक आदर्श शिक्षक, सफल पत्रकार, दूरदर्शी राजनेता तथा महान समाज सुधारक के रूप में इस देश की महान सेवा किया। महामंत्री मनोज कुमार त्रिपाठी ने बताया कि महान क्रांतिकारी अमर शहीद पण्डित चन्द्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 में मध्य प्रदेश के झाबुआ जनपद के भावरा ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम सीता राम तिवारी एवं माता का नाम जगरानी देवी था। 

काकोरी ट्रेन लूट काण्ड एवं साण्डर्स की हत्या में प्रमुख भूमिका का निर्वाह के कारण चन्द्र शेखर आजाद का नाम भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। तिलक जी सच्चे अर्थों में भारत के निर्माता थे। इस दौरान के दौरान संरक्षक डा दुर्गा द्विवेदी, विश्वदेव उपाध्याय, सतीश मिश्र, माधुरी दुबे,गिरिजा सुवन पाण्डेय, इं कैलाश चतुर्वेदी, गंगा शंकर मिश्र, कृष्ण कुमार पाण्डेय, गणेश पाण्डेय, निशीथ रंजन तिवारी अन्य लोग शामिल हुए।

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