अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट का स्थाई कार्यालय का आज उद्घाटन होगा...

फिर भी इन कारणों से अस्थाई दफ्तर से ही होगा काम!


लखनऊ।
अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण कार्य और उसकी देखरेख में जुटे में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के दफ्तर का भी निर्माण हो गया है। ये दफ्तर रामकोट में बनकर तैयार हो गया है, जिसका आज 22 मई को उद्घाटन होगा। आज दफ्तर में गृह प्रवेश का कार्यक्रम रखा गया है, जिसकी सभी तैयारियां अपने अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। सोमवार को पूरे विधि-विधान और पूजा-पाठ के साथ ट्रस्ट के कार्यालय का उद्घाटन हो जाएगा।

अयोध्या में भगवान रामलला का मंदिर, श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट की देखरेख में तैयार हो रहा है। ट्रस्ट का ये कार्यालय दो मंजिला तैयार किया गया है। इसमें स्थायी आवासीय ब्लॉक भी होगा जिसमें ट्रस्ट से जुड़े लोग रह सकेंगे, इस कार्यालय में एक बड़ा सा हॉल भी बनाया गया है जिसमें ट्रस्ट के जुड़े सभी लोग और साधु संतों की बैठकें हो सकेंगी। पहले खबर थी की उद्घाटन के बाद ट्रस्ट के सारे काम इसी कार्यालय से शुरू हो जाएंगे, लेकिन फिलहाल ट्रस्ट का ऐसा कोई प्लान नहीं है। फिलहाल ट्रस्ट अपने अस्थाई दफ्तर से ही काम करेगा। इसके लिए सुग्रीव किला के पास नया कार्यालय बनाने की तैयारी है।

श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट का काम इन दिनों रामलला के दर्शनमार्ग पर स्थित रामकचहरी मंदिर में संचालित हो रहा है। ट्रस्ट कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता का कहना है कि ये कार्यालय तैयार तो हो गया है लेकिन फिलहाल इसे संचालित नहीं किया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य भी 70 फीसद तक पूरा हो चुका है। गर्भगृह के सभी दीवारें बनकर तैयार हो गई हैं और अब छत की ढलाई का काम किया जा रहा है। ट्रस्ट के मुताबिक अक्टूबर में राम मंदिर का प्रथम तल बनकर तैयार हो जाएगा।

इधर 31 मई को राम मंदिर ट्रस्ट की एक बैठक भी होनी है जिसमें मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होने वाली मूर्ति को लेकर चर्चा की जाएगी कि उसे किस पत्थर से बनाया जाना चाहिए। इसके साथ ही मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा और उसके लिए मंदिर प्रशासन की ओर से इंतजामों पर भी मंथन होगा। आपको बता दें कि रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा जनवरी में मकर संक्राति के बाद कभी भी हो सकती है। इसके लिए अंतिम तारीख तय नहीं हुई है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद रामलला की मूर्ति की स्थापना करेंगे, जिसके बाद मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा।

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