आगरा। जिले के पिढ़ौरा थाना क्षेत्र के गांव गुही रामपुर में विवाद के बाद मां के साथ रह रहे चार साल के बेटे का शुक्रवार सुबह पिता ने अपने दोस्त को फर्जी इंस्पेक्टर बनाकर अपहरण कर लिया. बच्चा स्कूल वैन में स्कूल जा रहा था. फर्जी इंस्पेक्टर ने चेकिंग के नाम पर वैन रुकवाई. बच्चे को दूसरी कार से दादी के साथ बैठाकर भेज दिया. वैन चालक को शक हो गया. उसने शोर मचाया तो लोग जुट गए. फर्जी इंस्पेक्टर और पिता को पकड़ लिया. बाद में पुलिस ने घेराबंदी करके दादी को पौत्र के साथ पकड़ लिया. मामले में अपहरण का मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को जेल भेजा गया है.
दरअसल, पिढौरा के गांव गुही रामपुर निवासी विनीता देवी की शादी वर्ष 2017 में गांव बरारा निवासी गौरव सिकरवार के साथ हुई थी. गौरव हाल में नारायण विहार, सिकंदरा में रहता है. उनका चार साल का बेटा रिदान है. विनीता के परिजन ने पुलिस को बताया कि गौरव से विवाद होने पर वर्ष 2020 से वह मायके में रह रही है. पति-पत्नी के विवाद का मामला कोर्ट में विचाराधीन है. रिदान गोपालपुरा स्थित शांति निकेतन पब्लिक स्कूल में पढ़ रहा है. शुक्रवार को सुबह 8.00 बजे स्कूल वैन में वह स्कूल जा रहा था. तकरीबन एक किलोमीटर पहले जेएन पब्लिक स्कूल के पास दो कार में सवार छह लोग आए. एक कार में बच्चे का पिता गौरव और उसका दोस्त विवेक त्रिपाठी थे, जबकि दूसरी में गौरव की मां वंदना के अलावा तीन और लोग थे.
फर्जी इंस्पेक्टर ने वैन को रोकने के बाद चालक को चेकिंग कराने को कहा तभी रिदान को खींचकर अपनी कार में डाल लिया. तीन लोग और एक महिला बच्चे को लेकर चली गईं. वैन चालक को शक हो गया. उसने शोर मचा दिया. इस पर आसपास के ग्रामीण आ गए. उन्होंने दूसरी कार से आए वर्दी पहने विवेक और गौरव को घेर लिया. सूचना पर यूपी 112 की पुलिस पहुंच गई. बालक के अपहरण की सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी की.
फिरोजाबाद के शिकोहाबाद रेलवे स्टेशन के पास से रिदान को कार रोककर महिला के साथ सकुशल बरामद कर लिया गया. बच्चे को उसकी मां के सुपुर्द कर दिया गया है. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपहरण, धोखाधड़ी, मारपीट सहित अन्य धारा में मुकदमा दर्ज किया है. सभी को जेल भेज दिया. पकड़े गए आरोपियों में बच्चे का पिता गौरव, दादी वंदना और पिता का दोस्त विवेक त्रिपाठी हैं. विनीता के परिजन ने बताया कि छह महीने पहले भी गौरव ने घर से बेटे को अगवा करने का प्रयास किया था. तब घर में कोई नहीं था. वह घर आया था. बेटे को उठाकर ले जाने लगा था. ग्रामीणों के जुटने पर भाग गया था. तब पुलिस से शिकायत नहीं की थी.
सीओ पिनाहट अमरदीप पाल के मुताबिक, गौरव ने पूछताछ में बताया कि वह बेटे को अपने पास लेकर जाना चाहता था. पत्नी तैयार नहीं होती. इसलिए उसे रास्ते से ले जाने की योजना बनाई. उसने अपने दोस्त विवेक को पुलिस की वर्दी पहनाई थी. उसके साथ परिचित मोहित, भूरी और कर्मवीर को साथ लेकर अपहरण करने आए थे. मां वंदना के साथ बेटे को भेज दिया था. मगर, लोग जुट गए. वह पकड़े गए. मां को बाद में पुलिस ने पकड़ लिया.
विवेक और गौरव का कोई आपराधिक इतिहास नहीं मिला है. दोनों दोस्त हैं. कक्षा आठ से साथ ही पढ़ाई की थी. दोनों ने कानपुर से बीटेक किया. वर्तमान में दोनों नोएडा की एचसीएल कंपनी में इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं. पूछताछ में बताया कि छीपीटोला से दस हजार रुपये में दो वर्दी खरीदकर लाए थे. एक वर्दी गाड़ी में रखी थी, जिस पर दो सितारे लगाए थे. दूसरी पर तीन सितारे थे. इन पर नेम प्लेट भी लगा ली थी. वर्दी खरीदने के लिए कोई आईडी नहीं देखी गई. विवेक रिवॉल्वर भी लेकर आया था. उसने बताया कि पुलिस को देखकर वैन चालक विरोध नहीं करता. इसलिए वह पुलिस बनकर आया था. मौके पर कुछ लोगों ने उससे पूछा कि वर्दी किसकी है तो वह सीओ की बताने लगा, जबकि वर्दी इंस्पेक्टर की थी.

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