दरअसल, न्यू आगरा थाने में अधिवक्ता राजन लाल की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. जिसमें जगदीशुपरा के लवकुश विहार कांप्लेक्स के पूजा उप्रैती व विकास यादव को नामजद किया है. पुलिस द्वारा दर्ज मुकदमे के मुताबिक पूजा के खिलाफ उसके पति कृष्ण दत्त उप्रैती ने वर्ष 2021 में जगदीशपुरा थाने में धोखाधड़ी व कूट रचित दस्तावेज तैयार करने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने जुलाई 2021 में आरोपी पूजा उप्रैती को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. मुकदमा सिविल जज जूनियर डिवीजन की अदालत में चल रहा है.
कृष्ण दत्त उप्रैती की ओर से मुकदमे की पैरवी अधिवक्ता राजन लाल कर रहे हैं. अदालत से पूजा की जमानत खारिज होने पर सपा नेता उच्च न्यायाालय में जमानत याचिका प्रस्तुत की. जिसमें शपथ पत्र दिया कि वह पूजा के केस की पैरवी कर रहा है. उच्च न्यायालय ने 27 जनवरी को आरोपित पूजा को जमानत दे दी. विकास यादव ने दो जमानतदार के दस्तावेज लगाए थे. जिस पर आरोपी 15 फरवरी को जेल से रिहा हो गई.
लेकिन वादी ने अदालत में फर्जी दस्तावेजों से जमानत लेने की शिकायत की गई थी. अदालत ने जांच कराई तो जमानतदार फर्जी निकले. अदालत ने 24 अगस्त को जमानत निरस्त कर आरोपित पूजा को पुनः जेल भेज दिया. फर्जी दस्तावेजों से जमानत कराने वाले विकास यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही के निर्देश दिया गया है. इंस्पेक्टर न्यू आगरा विजय विक्रम सिंह ने बताया कि अधिवक्ता की तहरीर पर विकास यादव के खिलाफ धोखाधड़ी, कूट रचित दस्तावेज तैयार करने आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
वहीं विकास यादव ने जमानत के लिए जो दस्तावेज लगाए, वह सादाबाद के सहपऊ के जमानदारों के थे. अदालत ने दस्तावेजों के फर्जी होने की शिकायत पर उनका सत्यापन कराया. जांच में पता चला कि जिस नाम-पते के लोगों के दस्तावेज लगाए गए, उस नाम-पते के कोई व्यक्ति नहीं मिले. जमानतदारों के सत्यापन की रिपोर्ट सादाबाद थाना और तहसील की ओर से दी गई थी. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.
0 Comments