मऊ। दीवानी न्यायालय में बाबा रामदेव के खिलाफ दाखिल परिवार को सिविल जज जू. डि./ त्वरित न्यायालय, न्यायिक मजिस्ट्रेट अभिषेक पांडेय ने पत्रावली के अवलोकन के बाद खारिज कर दिया। जितेन्द्र कुमार गोयल नामक व्यक्ति ने योग गुरु बाबा रामदेव पर न्यायालय में मुकदमा दाखिल किया था। पत्रावली न्यायिक मजिस्ट्रेट अभिषेक पांडेय के समक्ष प्रस्तुत हुआ जिसमे परिवादी की तरफ से कोई उपस्थित नहीं था। न्यायालय द्वारा पत्रावली का सम्यक अवलोकन के उपरांत कहा गया कि पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षी को तलब कर दण्डित करने की याचना के साथ प्रस्तुत किया गया है।
परिवादी का बयान अंतर्गत धारा 200 दंड प्रक्रिया संहिता तत्कालीन पीठासीन अधिकारी द्वारा 9 जून 2015 को दर्ज किया गया। परिवादी द्वारा अपने बयान में कथन किया गया है कि 26 अप्रैल 2014 को सुबह 8 बजे जब वह टीवी में 24 अवर्स एक चैनल देख रहा था, उसमें बाबा रामदेव का बयान आ रहा था कि राहुल गांधी दलित लड़की से शादी कर लेते तो प्रधानमंत्री बन जाते। आगे कहा कि मेरा मानना है कि दलितों के घर राहुल गांधी पिकनिक मनाने जाते है, वादी का कहना है कि यह बयान सभी चैनलों पर आ रहा था। रामदेव के इस बयान से पूरा दलित समाज शर्मसार है। उनके इस बयान से वादी भी अपमानित हुआ है।
न्यायालय ने कहा कि पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा परिवाद पत्र में दिये गये गवाहों के बयान नहीं कराया गया हैं। परिवादी के गवाहान की उपस्थिति हेतु परिवादी को पर्याप्त अवसर प्रदान किये गये परंतु परिवादी द्वारा न गवाहान प्रस्तुत किये गये न ही कोई सुसंगत, संतोषजनक साक्ष्य ही दाखिल किया गया है। विगत कई तिथियों से परिवादी न्यायालय उपस्थित नहीं आ रहा है। तदानुसार प्रस्तुत परिवाद खारिज किये जाने योग्य है। यह कहते हुए बाबा रामदेव के खिलाफ दाखिल परिवाद खारिज कर दिया।
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