इस अवसर पर मिनी आई टी आई की महासचिव सुफिया बानो ने कहा कि महिलाओं पर जघन्य बढ़ते हुए अपराध के मामले आए दिन उजागर हो रहे हैं उस पर दुख व्यक्त करते हुए प्रशासन का मौन धारण करना महिलाओं के अधिकार में एक अप्रिय संदेश है। आज के समय महिलाएं आंदोलन इस लिए करती है कि आर्थिक स्थिति घरेलू हिंसा करना बाहर निकलना जैसे बचपना छीन जाने का डर बना रहता है। इस तरह के अपराधों के लिए पुर्ण रूप से सरकार जिम्मेदांर है माननीय प्रधानमंत्री जी ने देश की जनता से 75 वां अमृत महोत्सव हर घर झंडा फहराने का आदेश व संदेश देकर हम महिलाओं के अंदर उतना ही और मजबूत कर दिया है कि जब देश का पालन हार ही नारा दे रहा है की बेटी बेचो बेटी मारो का नारा दिया है।
आज बिलरियागंज कांड झारखंड कांड विशेष तौर पर बिलकिस कांड से अपनी मानसिकता को अनावरण कर दिया है महिलाएं प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री सबसे ज्यादा आपके देश में असुरक्षित हैं कि देश ने दोषियों को कैसे छोड़ा? मेरा सवाल यह है कि यदि नेताओं की मां बहन बेटियों के साथ होता तो क्या बर्दाश्त करते और नहीं तो दंगा करा देते हम महिलाओं की भागीदारी किसी भी क्षेत्र की हो लाज हमारी लूटी जा रही है जिसका सहयोग नपुंसकता जैसे लोग कर रहे है । हमारी मांग बिल्कीस के दोषियों को फांसी दी जाए जिसे निर्भया कांड में किया गया जात पात से ऊपर उठकर महिला सम्मान में नाइंसाफी के जगह इन्साफ़ चाहिए हमारा देश का संविधान एक है फिर न्याय में दोतरफा रवैय्या क्यो। शांति कैंडिल मार्च में रानी मनीषा, लाल बहादुर त्यागी, दुर्ग विजय यादव, शबाना तहज़ीब, राम नैन चौहान, शाहिद अफरीदी, खुशबु सिमरन, नरगिस व शहर के वरिष्ठ व सम्मानित व्यक्ति भी कैंडिल मार्च में शामिल हुए।
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