5 जुलाई तक शासनादेश का पालन करने की मांग, नहीं तो आंदोलन की चेतावनी
आजमगढ़। श्री गांधी पीजी कॉलेज मालताड़ी के शिक्षकों द्वारा प्राचार्य-प्रबंधक से ईपीएफ की कटौती का मांग किया गया। प्रबंधक को उक्त मांग नागवार लगा। प्राचार्य-प्रबंधक ने महाविद्यालय के डॉ शैलेश पाठक, डॉ शशि कुमार मिश्र और डॉ मंजुला चौरसिया तीन शिक्षकों को संविदा विस्तरण के नाम पर 1 जुलाई से नये सत्र में महाविद्यालय उपस्थित पंजिका पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। जबकि महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय के कुलसचिव के पत्रांक 291 दिनांक 21 जून 2022 के आदेश में स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि उत्तर प्रदेश सरकार के 13 मार्च 2020 के शासनादेश के अनुसार शिक्षकों का संविदा विस्तरण समाप्त कर महाविद्यालय में विषय के पाठ्यक्रम के चलते रहने अथवा 62 वर्ष की अधिवर्षिता आयु तक जारी रहेगी।
कुलपति के उक्त आदेश का संबंधित महाविद्यालयों द्वारा कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का पत्र जारी किया गया था परंतु प्राचार्य-प्रबंधक के हिटलर शाही रवैया से कुलपति का यह आदेश धराशायी हो गया। जिससे महाविद्यालय के तीनों शिक्षक जिनको अप्रैल से जून महीने का मासिक वेतन का भुगतान भी नहीं किया गया है। वह आर्थिक तथा मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं। इसको लेकर महाविद्यालय के शिक्षकों ने आवेदन देकर कुलपति से 5 जुलाई तक सरकार के शासनादेश के अनुपालन महाविद्यालय द्वारा सुनिश्चित कराने की मांग किया है तथा प्राचार्य प्रबंधक पर कानून सम्मत कार्रवाई की मांग किया है।
अन्यथा बाध्य होकर महाविद्यालय प्रशासन के खिलाफ 7 जुलाई से जिले के शिक्षक धरना -प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। इस संदर्भ को अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालय शिक्षक संघ जिला आजमगढ़ ने गंभीरता से लेते हुए तीनों शिक्षकों की लड़ाई मजबूती से लड़ने का निर्णय लिया है। शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष डॉ शैलेश पाठक ने प्रदेश के महामहिम राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मांग किया है कि शिक्षकों की आर्थिक और मानसिक प्रताड़ना से मुक्ति दिलाने हेतु शासनादेश का अनुपालन प्रदेश के समस्त महाविद्यालयों से यथाशीघ्र सुनिश्चित कराया जाये।
जिससे सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास स्थापित हो सके अन्यथा पूरे प्रदेश के शिक्षक इस प्रकरण को लेकर सड़क पर धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होगा। जिसकी सारी जवाबदेही राज्य सरकार की होगी। वहीं जब इस संबंध में कालेज के प्राचार्य डा. कैलाश नाथ गुप्ता से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि इन शिक्षकों का संविदा 2020 में ही समाप्त हो गई जब कि जीओ जून 2022 में आया है इसलिए यह लोग पहले संविदा का नवीनीकरण कराएं। इसके बाद ही इन लोगों को जारी रखा जाए।
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