मऊः डॉ. अलका राय के अस्पताल पर दबिश, पुलिस हिरासत में भाई



मऊ। पंजाब में न्यायालय जाने के लिए मुख्तार अंसारी द्वारा उपयोग की जाने वाली एंबुलेंस के फर्जी पंजीकरण के प्रकरण में मऊ निवासी अस्पताल संचालक डॉ अलका राय और उनके भाई डॉ शेषनाथ राय की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। फर्जी एंबुलेंस मामले में आरोपी श्याम संजीवनी अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर के संचालक शेषनाथ राय को सोमवार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। जबकि डॉ अलका राय को उनके अस्पताल में नजरबंद किया गया है। बाराबंकी पुलिस का इंतजार किया जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों को गिरफ्तार कर बाराबंकी पुलिस अपने साथ ले जा सकती है।

इस प्रकरण में जेल जा चुके हैं भाई-बहन

मामले को लेकर मुख्तार अंसारी के खिलाफ एक दिन पहले ही गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है। मऊ स्थित श्याम संजीवनी अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर की संचालिका डॉ. अलका राय और उनके भाई के खिलाफ दो अप्रैल 2021 को पहला मुकदमा जालसाजी का लिखा गया था। करीब तीन माह बाद सभी आरोपियों के खिलाफ चार जुलाई 2021 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया। आठ महीने जेल में रहने के बाद दोनों भाई-बहन ढाई महीने पहले जेल से बाहर आ गए थे। अब इन पर गैंगेस्टर का केस दर्ज है। सोमवार को मऊ जनपद की पुलिस ने अस्पताल पर दबिश दी और डॉ. अलका राय के भाई शेषनाथ को हिरासत में ले लिया। जबकि डॉ. अलका को अस्पताल में नजरबंद कर बाराबंकी पुलिस का इंतजार किया जा रहा है। इस कार्रवाई को लेकर जिले की पुलिस कुछ भी बोलने से परहेज कर रही है।

निजी एंबुलेंस का इस्तेमाल करता था मुख्तार

पंजाब जेल में बंद होने के दौरान मुख्तार अंसारी न्यायालय जाने के लिए जिस निजी एंबुलेंस का इस्तेमाल करता था, वह डॉ. अलका राय के अस्पताल के नाम पर पंजीकृत थी। इसका रजिस्ट्रेशन ( यूपी 41 एटी 7171 ) फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय में कराया गया था। 31 मार्च 2021 को मामला प्रकाश में आने के बाद बाराबंकी कोतवाली नगर पुलिस ने मऊ जनपद के श्याम संजीवनी अस्पताल की संचालिका डॉ. अलका राय और उनके भाई पर जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया था।

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