योगी के गढ़ में जातीय गणित से मात देने का सपा प्लान-जाने किन महारथियों पर खेला दांव



गोरखपुर। समाजवादी पार्टी ने गोरखपुर जिले की 9 विधानसभा सीटों में से 7 पर गुरुवार को प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। पार्टी ने इस बार एक ब्राह्मण, दो दलित और पिछड़ी जातियों के 4 प्रत्याशियों को टिकट दिया है। पार्टी इस बार जातीय गणित से भारतीय जनता पार्टी को गोरखपुर में मात देना चाहती है। सपा ने गोरखपुर शहर और चौरीचौरा विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। गोरखपुर शहर सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ रहे हैं जबकि चौरीचौरा सीट से वर्तमान में भाजपा की संगीता यादव विधायक हैं। भाजपा ने अभी तक केवल गोरखपुर शहर सीट पर ही प्रत्याशी घोषित किया है।

चार सीट पर पुनः जताया भरोसा

सपा ने गोरखपुर ग्रामीण से वर्ष 2017 में प्रत्याशी रहे विजय बहादुर यादव, सहजनवां में प्रत्याशी रहे यशपाल रावत, पिपराइच से अमरेंद्र निषाद और खजनी से प्रत्याशी रहीं रूपावती बेलदार पर पुन भरोसा जताया है और एक बार फिर मैदान में उतार दिया है। सपा ने टिकट बंटवारे में जातीय समीकरण का पूरा खयाल रखा है। गुरुवार को घोषित सात में से जहां दो सीटों पर यादवों को टिकट दिया है वहीं दो सीटों पर निषाद बिरादरी से प्रत्याशी उतारा है। दो दलितों पर दांव लगाने के साथ ही एक ब्राह्मण प्रत्याशी उतारकर भाजपा को मात देने के लिए व्यूह रचा है। हालांकि दोनों दलित सुरक्षित सीट से ही उतारे गए हैं। गोरखपुर शहर और चौरीचौरा से समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी कौन होगा, अब यह सवाल लोगों के लिए दिलचस्प हो गया है।

गोरखपुर ग्रामीण सीट से 2012 में जीते थे विजय बहादुर

समाजवादी पार्टी द्वारा गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा सीट से घोषित किए गए प्रत्शी विजय बहादुर यादव वर्ष 2012 में इसी सीट से भाजपा के टिकट पर विधायक रहे हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी जफर अमीन डक्कू को पराजित किया था। हालांकि वर्ष 2017 में वह सपा के टिकट से चुनाव लड़े और हार गए। उन्हें भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी विपिन कुमार सिंह ने पराजित कर दिया। सपा शीर्ष नेतृत्व ने एक बार फिर विजय बहादुर यादव पर भरोसा जताया है।

दलबदलुओं में तीन को मिला सपा से टिकट

समाजवादी पार्टी ने वर्ष 2017 का चुनाव कांग्रेस से गठबंधन कर लड़ा था। तब गोरखपुर शहर और कैम्पियरगंज विधानसभा सीट कांग्रेस के हिस्से में गई थी। कांग्रेस ने शहर सीट से राहुल सिंह राणा को मैदान में उतारा था जबकि कैम्पियरगंज सीट से सपा नेत्री और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चिंता यादव ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा। दोनों सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की जीत हुई और कांग्रेस दूसरे नम्बर पर रही। समाजवादी पार्टी ने इस बार कैम्पियरगंज सीट पर कांग्रेस से आई काजल निषाद को और बांसगांव सीट पर भी कांग्रेस से आए डॉ. संजय पर भरोसा जताया है। चिल्लूपार में बसपा से विधायक और हाल में सपा में शामिल विनय शंकर तिवारी को प्रत्याशी बनाया गया है।

9 में से 8 पर हुई थी भाजपा की जीत

वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में गोरखपपुर की 9 सीटों में से 8 पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। भाजपा के खाते में गोरखपुर शहर, ग्रामीण, पिपराइच, कैम्पियरगंज, सहजनवां, बांसगांव, खजनी और चौरीचौरा सीट आई थी। सिर्फ चिल्लूपार विधानसभा सीट भाजपा के हाथ में नहीं आई थी। यहां से बसपा के विनय शंकर तिवारी चुनाव जीत गए थे। विनय शंकर इस बार पाला बदलकर सपा के टिकट पर मैदान में हैं।

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