यूपी में पत्नी को बीजेपी से टिकट और पंजाब में कांग्रेस ने पति का रोका टिकट



नई दिल्ली। कभी कांग्रेस में रहीं पत्नी ने यूपी में बीजेपी का हाथ थामा तो कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब में उनके पति का टिकट रोक दिया है। यह कोई फिल्मी कहानी नहीं बल्कि पंजाब और यूपी के राजनीतिक कनेक्शन की कहानी है। पंजाब के नवांशहर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक अंगद सिंह की पत्नी अदिति सिंह यूपी में बीजेपी की उम्मीदवार बन गई हैं। इसका असर पंजाब में दिखाई दे रहा है। अदिति सिंह रायबरेली विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की विधायक थीं। अब वह बीजेपी की टिकट पर लड़ पर ही हैं। पंजाब में कांग्रेस पार्टी ने वर्तमान विधायक होने के बावजूद अंगद सिंह का टिकट होल्ड पर डाल दिया है।

2019 में परिणय सूत्र में बधें अदिति-अंगद

कांग्रेस में अदिति सिंह के पति के लिए भी स्थितियां सहज नहीं रह गई हैं। नवांशहर से विधायक अंगद सिंह का टिकट रोक लिया गया है। अब पंजाब में अगर बीजेपी मजबूत स्थिति में होती तो वह भी एक बार बीजेपी में जाने की सोच सकते थे। लेकिन उनके इलाके में कांग्रेस मजबूत है। कांग्रेस अगर उन्हें टिकट नहीं देती है तो उनके लिए नया राजनीतिक रास्ता चुनना काफी कठिन हो जाएगा। अदिति सिंह और अंगद सैनी की दिसंबर 2018 में सगाई हुई थी। दोनों की शादी अदिति के पिता और पूर्व विधायक अखिलेश सिंह ने तय की थी। नवंबर 2019 में दोनों शादी के बंधन में बंध गए थे।

1962 में अंगद के दादाजी बने थे पहली बार विधायक

विधायक अंगद सिंह की भी राजनीतिक पृष्टभूमि है। उनके पिता प्रकाश सिंह के चाचा दिलबाग सिंह 1962 में पहली बार नवांशहर से विधायक चुनने गए थे।1997 में दिलबाग सिंह के बेटे चरणजीत सिंह विधायक बने। 2002 में यह सीट प्रकाश सिंह के हाथ आई। 2012 में अंगद सिंह की माता गुरइकबाल कौर इस सीट से कांग्रेस विधायक बनीं और 2017 में कांग्रेस ने अंगद सिंह को इस सीट से उन्हें टिकट दिया और वह विधायक बने।

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