माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ 22 साल पुराने मामले में दी गवाही



आगरा। जनपद के जगदीशपुरा थाने में मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज 22 साल पुराने मुकदमे में मंगलवार को मुकदमे के वादी तत्कालीन थानाध्यक्ष शिवशंकर शुक्ला और गवाह इंस्पेक्टर रूपेंद्र गौड़ अदालत में हाजिर हुए। तत्कालीन थानाध्यक्ष शिवशंकर शुक्ला ने अपने बयान दर्ज कराए। वहीं, गवाह रुपेंद्र गौड़ के बयान दर्ज नहीं हो सके। बचाव पक्ष के वकील द्वारा वादी से जिरह की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। जिस पर विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए नीरज गौतम ने मुकदमे में सुनवाई के लिए 13 दिसंबर की तारीख नियत की है।

जानकारी के अनुसार मऊ सदर से विधायक मुख्तार अंसारी को वर्ष 1999 में केंद्रीय कारागार आगरा में रखा गया था। मार्च में अधिकारियों ने अंसारी की बैरक में छापा मारकर बुलेटप्रूफ जैकेट व मोबाइल बरामद किया था। जगदीशपुरा थाने में तत्कालीन थानाध्यक्ष शिवशंकर शुक्ला ने अंसारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। उक्त मुकदमा विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए की अदालत में चल रहा है। अंसारी ने अपने ऊपर लगाए आरोपों को डिस्चार्ज करने के लिए अधिवक्ता के माध्यम से प्रार्थना पत्र अदालत में प्रस्तुत किया था। जिसे अदालत ने खारिज करते हुए दो महीने पहले अंसारी पर आरोप तय किए। जिसके बाद मुकदमे में गवाही की प्रक्रिया शुरू हुई। मामले में पहली गवाही मुकदमे के वादी व तत्कालीन थानाध्यक्ष शिवशंकर शुक्ला और गवाह तत्कालीन उप निरीक्षक रूपेंद्र गौड़ की थी। अदालत की ओर से समन जाने के बावजूद दोनों हाजिर गवाही के लिए हाजिर नहीं हुए थे। जिस पर अदालत ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।

मंगलवार को दोनों लोग विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए नीरज गौतम की अदालत में प्रस्तुत हुए। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता शशि शर्मा ने शिवशंकर शुक्ला की गवाही दर्ज कराई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता डाक्टर रवि अरोरा द्वारा गवाह से जिरह की प्रक्रिया समय के अभाव में पूरी नहीं हो सकी। वहीं रूपेंद्र गौड़ की गवाही की प्रक्रिया भी नहीं हो सकी। जिस पर अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तारीख 13 दिसंबर नियत की है।

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