मोहम्मद नासिर
चिरैयाकोट/मऊ। रामलीला में देर रात श्रवण कुमार वध, रावण तपस्या एवं राम जन्म की लीला का मंचन हुआ। सबसे पहले श्रवण कुमार वध का मंचन किया गया। जिसके बाद श्रवण कुमार के माता-पिता ने दशरथ को श्राप दिया। उसके बाद मनु- सतरूपा तपस्या, रावण तपस्या की लीला हुई । राजा दशरथ कोई पुत्र न होने के कारण चिंतित रहते हैं। जिसके निवारण हेतु पुत्रेष्ठि यज्ञ होता है। उसके बाद राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का जन्म होता है। जिन्हें ब्रह्मा, विष्णु और महेश पुष्प वर्षा कर आशीर्वाद देते हैं। जिन्हें राजा दशरथ द्वारा बहुमूल्य उपहार दिया जाता है। मंच का संचालन व निर्देशन अश्क चिरैयाकोटी ने किया। इस अवसर पर राम जी पांडेय, सुभाषचंद जायसवाल, प्रेमचंद मौर्य, भूपेंद्र मौर्य, प्रकाश पांडेय, मदन पांडेय, प्रमोद पांडेय, सोनू जायसवाल, दीपक पांडेय, सोहनलाल टी एम, विशाल मद्धेशिया, राजकुमार मौर्य, राम कुमार जायसवाल, गनश मद्धेशिया, उमेश मद्धेशिया, राजेश प्रजापति आदि लोगों उपस्थित रहे।

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