यूपी में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, सात IAS व 22 PCS अधिकारियों का तबादला... कई जिलों के सीडीओ बदले!





लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को एक बड़े प्रशासनिक फेरबदल के तहत सात आईएएस और 22 पीसीएस अधिकारियों के तबादले कर दिए। इस तबादला सूची में कई महत्वपूर्ण जिलों के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ), विकास प्राधिकरणों के पदाधिकारी और शासन स्तर के अधिकारी शामिल हैं। सरकार के इस कदम को प्रदेश में विकास योजनाओं की गति तेज करने और प्रशासनिक व्यवस्था को और मजबूत करने के रूप में देखा जा रहा है।
जारी आदेश के अनुसार सुल्तानपुर के सीडीओ अंकुर कौशिक को मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण (यूपीआरआरडीए) नियुक्त किया गया है। यूपीआरआरडीए प्रदेश की ग्रामीण सड़क परियोजनाओं की रीढ़ मानी जाती है, ऐसे में यह तैनाती बेहद अहम मानी जा रही है।
वहीं देवरिया के सीडीओ प्रत्यूष पांडेय को विशेष सचिव, समन्वय विभाग के साथ-साथ अपर परियोजना समन्वयक, यूपी डास्प की जिम्मेदारी सौंपी गई है। शासन स्तर पर उनकी नई भूमिका को बहु-विभागीय समन्वय के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
राजेश कुमार सिंह, सचिव गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को सीडीओ देवरिया बनाया गया है।
विनय कुमार सिंह, एडीएम (प्रशासन) बिजनौर को सीडीओ सुल्तानपुर की जिम्मेदारी दी गई है।
विधान जायसवाल, परीक्षा नियंत्रक उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को सीडीओ कानपुर देहात नियुक्त किया गया है।
विकास प्राधिकरण और शासन स्तर पर भी बदलाव
श्याम बहादुर सिंह, उपाध्यक्ष मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण को विशेष सचिव, सिंचाई विभाग बनाया गया है।
लक्ष्मी एन., सीडीओ कानपुर देहात को उपाध्यक्ष, मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
पीसीएस अधिकारियों में भी तबादले
पीसीएस अधिकारियों के स्तर पर भी बड़ा बदलाव किया गया है। नम्रता सिंह, अपर आयुक्त नगर निगम लखनऊ को अपर जिलाधिकारी (भू-राजस्व), लखनऊ के पद पर तैनात किया गया है। इसके अलावा 21 अन्य पीसीएस अधिकारियों के भी कार्यक्षेत्र बदले गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, यह तबादला सूची आगामी योजनाओं, बजट प्रबंधन और विकास कार्यों की प्रभावी मॉनिटरिंग को ध्यान में रखकर जारी की गई है। सरकार का उद्देश्य जमीनी स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाना और प्रशासनिक जवाबदेही को मजबूत करना है। प्रदेश में इस बड़े प्रशासनिक फेरबदल को आने वाले समय में विकास और शासन व्यवस्था पर असर डालने वाला अहम कदम माना जा रहा है।

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