शाहजहांपुर। प्रदेश के शाहजहांपुर में पुलिस की दबिश के दौरान हुई एक घटना ने पूरे विभाग को हिला दिया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कटरा विधानसभा क्षेत्र के जोन प्रभारी सत्यभान (50 वर्ष) की छत से गिरने से मौत हो गई। लेकिन मौत से पहले सड़क पर तड़पते हुए सत्यभान का एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें वह स्पष्ट रूप से आरोप लगाते दिखे —“दरोगा ने मुझे बहुत गालियां दीं... फिर छत से धक्का दे दिया... मेरी कमर टूट गई है...”यह वीडियो सामने आने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।
आठ घंटे तक दर्द में तड़पते रहे बसपा नेता
घटना मंगलवार रात मौजमपुर गांव की है। पुलिस अभिषेक यादव (सत्यभान के बेटे) की तलाश में दबिश देने पहुंची थी, जिस पर पहले से हत्या के प्रयास का केस दर्ज था। इसी दौरान छत पर मौजूद सत्यभान गिर पड़े। स्थानीय लोगों ने बताया कि गिरने के बाद वह करीब आठ घंटे तक सड़क पर तड़पते रहे, और इसी दौरान उन्होंने वीडियो बयान भी दिया, जिसमें उन्होंने दरोगा पर गाली-गलौज और धक्का देने का आरोप लगाया।
दरोगा पर गैरइरादतन हत्या व एससीएसटी एक्ट में मुकदमा
वायरल वीडियो सामने आने के बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। बुधवार सुबह तक शव का पंचनामा नहीं होने दिया, जब तक कि आरोपी दरोगा पर रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। आख़िरकार प्रशासनिक दबाव और परिजनों की जिद के बाद पुलिस ने दरोगा राहुल सिसौदिया और उनके साथ मौजूद एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ गैरइरादतन हत्या और एससी/एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया।
‘डेढ़ लाख रुपये मांगे थे नाम निकालने के लिए’
मृतक की पत्नी रेखा देवी ने सनसनीखेज आरोप लगाया कि दरोगा उनके बेटे अभिषेक का नाम केस से निकालने के लिए डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत मांग रहा था। रेखा देवी ने बताया —“हमारे बेटे को झूठे केस में फंसा दिया गया। पुलिस ने कई बार दबिश दी। दरोगा लगातार पैसे की मांग करता था। अनुसूचित समाज का होने के कारण हमें और ज्यादा परेशान किया गया।”
दरोगा की शादी 18 नवंबर को — अब जांच के घेरे में
जिस दरोगा पर धक्का देने का आरोप है, वह राहुल सिसौदिया हैं, जिनकी शादी 18 नवंबर को तय है। फिलहाल पुलिस ने उन्हें लाइन हाजिर कर जांच शुरू कर दी है। उनके साथ दबिश में गए सादा कपड़ों में एक व्यक्ति की पहचान भी की जा रही है।
अस्पताल पर हंगामा, बसपा नेताओं का जमावड़ा
सत्यभान की मौत की सूचना मिलते ही राजकीय मेडिकल कॉलेज में भारी भीड़ जुट गई। बसपा जिलाध्यक्ष उदयवीर सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता अस्पताल पहुंचे और न्याय की मांग की। कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन परिजन रिपोर्ट दर्ज होने तक डटे रहे।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
सत्यभान की पत्नी रेखा देवी शव देखकर फूट-फूटकर रो पड़ीं। वह बेटे कुलदीप से बोलीं — “लल्ला... मुझे भी अपने पापा के पास भेज दो... अब हम जीकर क्या करेंगे...”घर में मातम पसरा है। मां रीता देवी, बहनें गीता और प्रियंका ने रेखा देवी को किसी तरह संभाला।
एसपी का आश्वासन — दोषी नहीं बख्शे जाएंगे
मामले की गंभीरता देखते हुए एसपी शाहजहांपुर ने सीओ सिटी पंकज पंत को जांच सौंपी है। सीओ ने परिजनों की तहरीर पढ़ी और कहा — “मामले की तह तक जाएंगे। दोषी किसी भी कीमत पर नहीं बचेंगे।” इसके बाद पंचनामा की कार्रवाई शुरू की गई और धीरे-धीरे भीड़ शांत हुई।
बेटे पर दर्ज था झूठा केस, उसी की तलाश में पहुंची थी पुलिस
रेखा देवी ने बताया कि 22 अगस्त को पड़ोसी अमन शुक्ला, पिंकी शुक्ला और रमनपाल से विवाद हुआ था। फायरिंग की घटना में उनके बेटे अभिषेक को झूठे आरोपों में फंसा दिया गया, जबकि वह उस समय घर पर ही था। पुलिस की लगातार दबिश के डर से अभिषेक दिल्ली चला गया था, लेकिन दरोगा ने उसे पकड़ने के नाम पर परिवार पर दबाव बनाए रखा।
बसपा का रुख सख्त
बसपा नेताओं ने स्पष्ट किया है कि यह अनुसूचित समाज के व्यक्ति के साथ पुलिस उत्पीड़न का मामला है। उन्होंने मांग की है कि आरोपी दरोगा को तुरंत निलंबित कर गिरफ्तार किया जाए और सत्यभान के परिवार को मुआवजा और सुरक्षा प्रदान की जाए।

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