गोंडा। जिले से पुलिस कस्टडी में मौत का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सरसों तेल चोरी के आरोप में पूछताछ के लिए बुलाए गए अनुसूचित समाज के युवक संजय कुमार सोनकर (36) की मौत के बाद परिजनों ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) कर्मियों पर पिटाई कर हत्या करने का आरोप लगाया है।
मृतक के भाई राजू सोनकर की तहरीर पर नगर कोतवाली पुलिस ने आरपीएफ के एसआई सुरेंद्र कुमार, करन सिंह यादव, कांस्टेबल अमित कुमार यादव और एक अज्ञात के खिलाफ धारा 302 (हत्या) में मुकदमा दर्ज किया है।
राजू के अनुसार, मंगलवार सुबह करीब 11:30 बजे तीन आरपीएफ कर्मी उनके घर पहुंचे और तेल चोरी के आरोप में भाई संजय को साथ ले गए। शाम 4:30 बजे उसे दोबारा कार में लाकर बरुआ गांव में एक दुकानदार के पास ले जाया गया, जहां आरोपियों ने उसे बेरहमी से पीटा। गंभीर हालत में उसे मेडिकल कॉलेज में छोड़कर भाग गए।
नगर कोतवाल विवेक त्रिवेदी ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट अस्पष्ट, बिसरा सुरक्षित
डॉ. कुलदीप पांडेय की अध्यक्षता में तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में मौत का कारण अस्पष्ट बताया गया है, जिसके चलते बिसरा सुरक्षित रख लिया गया है।
उठते सवाल
आरपीएफ टीम संजय को गोंडा स्टेशन पोस्ट पर क्यों नहीं लाई? 12 घंटे तक वह टीम के साथ कहां रहा? मेडिकल कॉलेज में शव छोड़कर टीम भाग क्यों गई? इन सवालों ने आरपीएफ की कार्रवाई पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आरपीएफ इंस्पेक्टर अनिरुद्ध राय ने बताया कि पूछताछ के दौरान संजय ने एक अन्य आरोपी रामफेर का नाम बताया था। टीम उसे खोजने मनकापुर गई थी, जिससे लौटने में देरी हुई। वापसी के दौरान संजय की तबीयत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलेज ले जाया गया।
वहीं, सहायक सुरक्षा आयुक्त महेंद्र प्रसाद दूबे ने कहा — “आरपीएफ की अभिरक्षा में मौत गंभीर मामला है। विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”

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