आजमगढ़। भाजपा में गुटबाजी एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है। जिले में सोमवार को उस समय माहौल गर्मा गया जब भाजपा के दो गुटों के बीच कोतवाली परिसर में जमकर मारपीट हुई और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। यह घटना न केवल सत्ताधारी दल की अनुशासनहीनता को उजागर करती है बल्कि पुलिस प्रशासन पर भी प्रश्नचिन्ह लगाती है।
घटना का सिलसिला तब शुरू हुआ जब योगी सरकार के कबीना मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री अनिल राजभर जीएसटी की घटी दरों पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नेहरू हाल आजमगढ़ पहुंचे। भाजपा कार्यकर्ता उनके स्वागत के लिए अमौड़ा टोल प्लाजा पहुंचे थे।
यहीं से शुरू हुआ झगड़ा — भाजयुमो जिलाध्यक्ष निखिल राय और भाजयुमो लालगंज के जिला मंत्री अमन श्रीवास्तव के बीच काफिले की गाड़ियों के साइड और ओवरटेक को लेकर कहासुनी हो गई। मामला वहीं नहीं थमा; नेहरू हाल तक पहुंचते-पहुंचते यह विवाद खुली हाथापाई में बदल गया।
मंत्री अनिल राजभर के मंच पर पहुंचते ही दोनों गुट फिर से भिड़ गए। देखते ही देखते मंच के पास धक्का-मुक्की और घूंसे चलने लगे। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह दोनों पक्षों को अलग कर कोतवाली पहुंचाया, लेकिन वहां भी आग और भड़क गई।
कोतवाली परिसर में दोनों पक्षों के समर्थक बड़ी संख्या में पहुंच गए। गाली-गलौज, नारेबाजी और हाथापाई का दौर फिर शुरू हो गया। मौके पर मौजूद नगर कोतवाल और सीओ ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन जब मामला शांत होता नहीं दिखा तो सीओ ने दोनों का 151 में चालान करने की बात कहकर खुद को अलग कर लिया।
उनके जाने के बाद कोतवाली प्रभारी के सामने ही दोनों पक्ष फिर से भिड़ गए। इस दौरान पुलिसकर्मी तमाशबीन बने रहे।
यह कोई पहली घटना नहीं है। हाल ही में हरैया ब्लॉक प्रमुखी के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर भी भाजपा के दो गुटों में खुली तनातनी सामने आई थी। आज की घटना ने एक बार फिर पार्टी के “संघटन अनुशासन” के दावों पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
मंत्री अनिल राजभर के कार्यक्रम में इस तरह की मारपीट ने न केवल जिला संगठन की एकता पर सवाल उठाया है बल्कि शासन-प्रशासन की निष्क्रियता पर भी गंभीर प्रश्न खड़े हो रहे हैं।
घटना के बाद यह चर्चा आम है कि अगर कोतवाली परिसर में भी कानून व्यवस्था कायम नहीं रह पा रही, तो आम जनता कितनी सुरक्षित है?
वहीं, भाजपा कार्यकर्ताओं की इस हरकत से पार्टी की किरकिरी होना तय है — क्योंकि यह घटना स्वयं उनके प्रभारी मंत्री की मौजूदगी में हुई। समाचार लिखे जाने तक दोनों गुट कोतवाली परिसर में जमे हुए हैं और हंगामा जारी है।
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