लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2027 में अभी लंबा समय है, लेकिन राजनीतिक दल अपनी तैयारियों की रूपरेखा तैयार करने में जुट गए हैं। इसी बीच यूपी के 121 राजनीतिक दलों को करारा झटका लग गया है। उन्हें पंजीकृत राजनीतिक दलों की सूची से बाहर कर दिया है। भारत निर्वाचन आयोग ने इन दलों को पंजीकृत राजनीतिक दलों की सूची से बाहर कर दिया है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) नवदीप रिणवा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि आयोग ने अपने आदेश दिनांक 19 सितंबर 2025 के तहत यह कार्रवाई की है। उन्होंने बताया कि जिन दलों को सूची से बाहर किया गया है, उन्होंने साल 2019 से लगातार छह सालों तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है। इन दलों ने न ही लोकसभा और न ही विधानसभा का कोई चुनाव लड़ा है। ऐसे में ये दल अब पंजीकृत राजनीतिक दलों को मिलने वाले किसी भी कानूनी और वित्तीय लाभ के हकदार नहीं रहेंगे।
निर्वाचन आयोग के आदेश के बाद इन दलों के अधिकार लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29बी और 29सी, आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों और चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश, 1968 के तहत समाप्त कर दिए गए हैं। यानी अब इन पार्टियों को न तो चुनावी चिह्न का लाभ मिलेगा और न ही कर छूट जैसी सुविधाएं मिलेंगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने यह भी बताया कि अगर कोई भी दल इस आदेश से असंतुष्ट है तो वो आदेश की तिथि से 30 दिनों के भीतर नई दिल्ली स्थित भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष अपील कर सकता है।
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